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    Uttarakhand Black Fungus Cases: एम्स में ब्लैक फंगस संक्रमित मरीजों की संख्या हुई 25, अब तक एक की मौत

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Mon, 17 May 2021 10:55 PM (IST)

    Uttarakhand Black Fungus Cases अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में ब्लैक फंगस संक्रमित मरीजों की संख्या 25 हो गई है। सोमवार को उत्तर प्रदेश के उत्तर प्रदेश के छह उत्तराखंड के दो मरीज भर्ती किए गए हैं

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    एम्स में ब्लैक फंगस संक्रमित मरीजों की संख्या 19 हुई।

    जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। Uttarakhand Black Fungus Cases अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में ब्लैक फंगस संक्रमित मरीजों की संख्या 25 हो गई है। सोमवार को उत्तर प्रदेश के उत्तर प्रदेश के छह, उत्तराखंड के दो मरीज भर्ती  किए गए हैं। आपको बता दें कि इससे संक्रमित एक मरीज की मौत भी हो चुकी है, जो राज्य में ब्लैक फंगस से हुई पहली मौत है। 

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    एम्स ऋषिकेश के ब्लैक फंगस ट्रीटमेंट टीम के लीडर और इएनटी सर्जन डॉ. अमित त्यागी ने बताया कि सोमवार को सुबह उत्तर प्रदेश से दो और मरीज ऐसे यहां भर्ती किए गए हैं जो कोरोना के साथ ब्लैक फंगस संक्रमित हैं। शाम के वक्त छह मरीज और एम्स में भर्ती किए गए हैं। सोमवार को यहां भर्ती किये गए कुल मरीजों में पांच पुरुष और तीन महिला शामिल है। संबंधित मरीजों में उत्तर प्रदेश से छह और उत्तराखंड के रहने वाले दो मरीज हैं। अब एम्स में ब्लैक फंगस से ग्रसित रोगियों की कुल संख्या 25 हो गयी है।

    उन्होंने कहा कि पिछले दस दिनों में सभी जगह इस तरह के मरीजों की संख्या तेजी से बड़ी है। 14 मई को देहरादून निवासी 36 वर्षीय एक मरीज की गंभीर अवस्था में मृत्यु हो गई थी। 15 डॉक्टरों की टीम इस तरह के मरीजों का उपचार और निगरानी कर रही है। ब्लैक फंगस संक्रमित मरीजों के लिए अलग से वार्ड बना दिया गया है। उन्होंने बताया कि 13 मरीजों को ऑपरेट किया जा चुका है, बाकी का उपचार चल रहा है। यहां भर्ती ब्लैक फंगस संक्रमण से संबंधित कुल 14 मरीज उत्तराखंड से हैं और 11 मरीज उत्तर प्रदेश से है।

    डॉ अमित त्यागी ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में ब्लैक फंगस के मामले सामने आने के बाद एम्स प्रशासन ने यहां आने वाला मरीज कोरोना संक्रमित होने के साथ यदि डायबिटीज और हाइपरटेंशन का मरीज है तो उसकी ब्लैक फंगस जांच अनिवार्य कर दी गई है।

    एम्स में अब तक भर्ती होने वाले मरीज की आरटी पीसीआर जांच की जाती थी। अब क्योंकि ब्लैक फंगस के मामले तेजी के साथ सामने आ गए हैं। इसलिए संक्रमित मरीज यदि पहले से डायबिटीज और हाइपरटेंशन से ग्रसित है तो उसके लिए ब्लैक फंगस की जांच अनिवार्य कर दी गई हैं। यह व्यवस्था सोमवार से लागू कर दी गई है।

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