Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Uttarakhand Bharti Scam : 2015 दारोगा भर्ती में भी हाकम सिंह का नाम! अब आ सकती है 30 से 35 दारोगाओं पर आंच

    By Nirmala BohraEdited By:
    Updated: Mon, 12 Sep 2022 08:09 AM (IST)

    Uttarakhand Bharti Scam दारोगा भर्ती मामले में हुई गड़बड़ी में हाकम सिंह व दिनेश चंद्र दोनों का हाथ होने की बात सामने आ रही है। एसटीएफ जांच में गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद गड़बड़ी का शक और गहरा गया है।

    Hero Image
    Uttarakhand Bharti Scam : हाकम सिंह का हाथ होने की बात सामने आ रही है। File

    जागरण संवाददाता, देहरादून : Uttarakhand Bharti Scam : विजिलेंस की ओर से की जा रही वर्ष 2015 में हुई दारोगाओं की भर्ती की जांच में 30 से 35 की नौकरी पर संकट आ सकता है।

    एसटीएफ की ओर की जा रही जांच में गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद गड़बड़ी का शक और गहरा गया है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार एईओ ने पूछताछ में दारोगा भर्ती मामले में काफी जानकारी उपलब्ध कराई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से उन सभी भर्ती परीक्षाओं की जांच कराई जा रही, जो विवादों में रही हैं। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने शासन को पत्र भेजकर दारोगा भर्ती में लगे घपले के आरोप की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की सिफारिश की। जिसे शासन ने मंजूर करते हुए जांच विजिलेंस को सौंप दी।

    339 पदों पर हुई थी भर्ती

    वर्ष 2015 में हुई यह भर्ती तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में हुई थी। दारोगा के 339 पदों पर हुई सीधी भर्ती की परीक्षा की जिम्मेदारी गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय, पंतनगर को दी गई थी।

    पेपर लीक प्रकरण की जांच कर रही एसटीएफ ने जब जीबी पंत विश्वविद्यालय के पूर्व असिस्टेंट एस्टेब्लिशमेंट आफिसर (एईओ) दिनेश चंद्र को गिरफ्तार किया तो उससे हुई पूछताछ में गड़बड़ी के कई तथ्य हाथ लगे। आरोपित दिनेश चंद्र वर्ष-2006 से वर्ष-2016 तक विश्वविद्यालय के परीक्षा सेल में तैनात था।

    हाकम व दिनेश चंद्र का हाथ होने की संभावना

    दारोगा भर्ती मामले में हुई गड़बड़ी में हाकम सिंह व दिनेश चंद्र दोनों का हाथ होने की बात सामने आ रही है। क्योंकि विवि से सेवानिवृत्त अधिकारी पेपर प्रकाशित करने वाली कंपनी आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस के मालिक राजेश चौहान के संपर्क में था। इसके अलावा भर्ती के कुछ दारोगाओं का हाकम सिंह के साथ संपर्क रहा।

    मूसा की गिरफ्तारी के लिए उप्र पुलिस से ली जा रही मदद

    यूकेएसएसएससी का स्नातक स्तर का पेपर लीक मामले में फरार चल रहे सैय्यद सादिक मूसा व उसके साथी योगेश्वर राव का अब तक कहीं पता नहीं लग पाया है।

    सूत्रों की मानें तो उसके नेपाल भागने का अंदेशा है। आरोपित पर उत्तराखंड पुलिस की ओर से दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है। आरोपित की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ अब उप्र पुलिस की मदद भी ले रही है।