उत्तराखंड से जुड़ी छांगुर मामले में की कड़ी, देहरादून पहुंची ATS; पांच पर केस दर्ज
उत्तराखंड के छांगुर मामले में यूपी एटीएस द्वारा सहसपुर शंकरपुर क्षेत्र से अब्दुल रहमान को हिरासत में लिया गया। देहरादून में एटीएस संदिग्ध महिला मरियम से पूछताछ कर रही है। एसएसपी अजय सिंह के अनुसार देहरादून पुलिस एटीएस के संपर्क में है लेकिन अभी तक अवैध धर्मांतरण और मनी लांड्रिंग का कोई मामला सामने नहीं आया है। एटीएस से जानकारी मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जासं, देहरादून। रानीपोखरी थाने में मतांतरण के प्रयास में पांच आरोपितों के विरुद्ध पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। आरोपितों ने रानीपोखरी की एक युवती को इंस्टाग्राम से संपर्क कर मुस्लिम धर्म में मतांतरण कराने का प्रयास किया था।
आरोपितों का उत्तरप्रदेश में मतांतरण का संगठित रैकेट चलाने वाले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर से कनेक्शन होने की संभावना है। घटना में सहसपुर के शंकरपुर निवासी अब्दुल रहमान को यूपी एटीएस गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई। यूपी एटीएस से मिले इनपुट के आधार पर एसटीएफ और दून पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई की है।
पुलिस मामले में अन्य आरोपितों की जांच के अलावा अवैध फंडिंग की भी जांच कर रही है। एसटीएफ एसएसपी नवनीत भुल्लर और एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के आगरा में मतांतरण रैकेट के संबंध में दर्ज हुए मुकदमे में आरोपित अब्दुल रहमान की भूमिका सामने आई थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए गुरुवार को यूपी एटीएस ने शंकरपुर से अब्दुल रहमान को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
पूछताछ में पता चला कि वह मतांतरण कराने वाले गिरोह से जुड़ा है और अपने साथियों के साथ मिलकर उसने रानीपोखरी की एक युवती को भी मतांतरण कराने का प्रयास किया। यूपी एटीएस से इनपुट मिलने के बाद उत्तराखंड एसटीएफ ने उसके द्वारा बताई गई इंस्टाग्राम आईडी की जांच की। इधर, पुलिस ने युवती के पिता से संपर्क कर स्थिति जानी। पिता द्वारा बताया गया कि करीब तीन महीने से युवती का व्यवहार अजीब हो गया है।
किसी का फोन आने पर वह घर के बाहर जाकर बात करती है। पूछताछ करने पर युवती द्वारा बताया गया है कि कुछ युवक व युवती उसे बहलाफुसला कर मुस्लिम बनाना चाहते हैं और रुपये देने का भी लालच दे रहे हैं। पुलिस ने पिता की तहरीर पर अब्दुल रहमान, कोतवाली मुजफ्फरनगर (उप्र) निवासी अबु तालिब, कनाट प्लेस नई दिल्ली निवासी अयान, अमन और उत्तरी ओल्ड गोवा निवासी श्वेता के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया।
शादी के लिए रहमान ने कराया मतांतरण
मूल रूप से जनपद मैनपुरी (उप्र) के रहने वाले अब्दुल रहमान का वास्तविक नाम रुपेंद्र प्रताप सिंह है। लेकिन साल 2015 में मुस्लिम धर्म की युवती के साथ शादी करने के लिए सहसपुर में उसने धर्म परिर्वतन कराकर अपना नाम बदल दिया था। तब से वह परिवार के साथ शंकरपुर में रह रहा है। वह वाहन चलाता है। एसएसपी ने बताया कि उस दौरान प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लागू न होने के कारण यह मामला प्रकाश में नहीं आया था। उन्होंने कहा कि आरोपित के मतांतरण कराने वाले गिरोह से जुड़े होने की सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
आठवीं तक पढ़ी युवती पर बिछाया जाल
पीड़िता युवती कक्षा आठवीं तक पढ़ी है। उसके पिता घर में दुकान संचालित करते हैं। आरोपित श्वेता, अब्दुल रहमान, अबु तालिब, अयान और अमन लगातार इंस्टाग्राम से संपर्क कर युवती का ब्रेनवाश करते थे और मुस्लिम धर्म की तरफ झुकाने वाली बात करते थे। पुलिस जल्द ही आरोपितों से पूछताछ कर इसे स्पष्ट करेगी।
कलमा पढ़ने और बुर्का पहनने का बनाते थे दबाव
आरोपित युवती को अपने काबू में कर उसे कलमा और नमाज पढ़ने का दबाव बनाते थे। इसके अलावा बुर्का पहनकर बाहर निकलने की बात करते थे। एसएसपी ने बताया कि आरोपितों की तलाश में पुलिस टीमें रवाना हो गई हैं। पुलिस टीम सभी आरोपितों के घर पर दबिश देकर उनकी आईडी से हुई बातचीत का सारा विवरण खंगालेगी।
विदेशों से फंडिंग होने की आशंका, अन्य हो सकते हैं शिकार
पुलिस को आशंका है कि युवती को रुपयों का लालच देने के लिए जरूर पैसों की फंडिंग विदेशों से हुई होगी। आरोपितों द्वारा अन्य महिलाएं व युवती भी मतांतरण गिरोह का शिकार हो सकती है। पुलिस का दावा है कि आरोपितों से पूछताछ के बाद जल्द ही यह स्पष्ट किया जाएगा।
धर्म स्वतंत्रता अधिनियम का 53वां मुकदमा दर्ज
पुलिस ने इस मामले में वर्ष 2018 में लागू हुए धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की है और राज्य में यह 53वां मुकदमा दर्ज हुआ है। इससे पहले दर्ज हुए 52 मुकदमों में पुलिस 93 आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है। जिसमें से अधिकांश आरोपित जेल में हैं।
कौन है जलालुद्दीन उर्फ छांगुर
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जनपद का रहने वाला छांगुर मतांतरण का संगठित रैकेट चलाता हे। पिछले दिनों यूपी में हुई उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके आईएसआई कनेक्शन और राष्ट्रीय विरोध साजिशों में शामिल होने की बात सामने आई। मतांतरण के नाम पर वह देश के अंदर सांप्रदायिकता का जहर घोल रहा था। उसके नेटवर्क में 1000 से अधिक मुस्लिम युवकों की फौज और पाकिस्तान से संपर्क होने की बात सामने आई है।
नेपाल की राजधानी में काठमांडू में पिछले दिनों आईएसआई एजेंटों की हुई गोपनीय बैठक में भी वह शामिल हुआ था। उसकी योजना थी कि आर्थिक रूप से कमजोर हिंदू परिवारों की महिलाओं को फंसाकर उनका मतांतरण कराना। फिर उनका विवाह नेपाल में आईएसआई के एजेंटों और स्लीपर सेल से करवा कर उन्हें जासूसी में इस्तेमाल करना था।
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