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    विधानसभा के शीताकालीन सत्र में बेरोजगारी और कानून व्यवस्था पर कांग्रेस का हंगामा

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Fri, 10 Dec 2021 10:28 PM (IST)

    Uttarakhand Assembly Winter Session 2021 शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन शुक्रवार हंगामेदार रहना तय है। कानून व्यवस्था महंगाई बेरोजगारी और दैवीय आपदा समेत विभिन्न मुद्दों पर सदन के भीतर कांग्रेस आक्रामक रुख के साथ सरकार की घेराबंदी करेगी।

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    राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Election 2021 चुनावी मौसम में विधानसभा के शीताकालीन सत्र में सदन के भीतर राजनीति गर्मा गई। सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को कांग्रेस का रुख आक्रामक रहा। प्रमुख प्रतिपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों ने प्रश्नकाल में बेरोजगारी के मुद्दे और शून्यकाल में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सदन में हंगामा किया। राज्य में बेरोजगारी दर देश में सर्वोच्च होने के विपक्ष के आरोप को कौशल विकास एवं सेवायोजन मंत्री डा हरक सिंह रावत ने नकार दिया तो विपक्ष ने सदन में रखे गए रोजगार के आंकड़ों पर सवाल उठा दिए। सात लाख व्यक्तियों को रोजगार देने के मंत्री के जवाब पर कांग्रेस विधायकों ने उन्हें घेरा। इससे पहले सदन में ही 10 लाख को रोजगार देने के सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया।

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    सदन में शुक्रवार सुबह 11 बजे प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में कौशल विकास एवं सेवायोजन मंत्री डा हरक सिंह ने बताया कि राज्य में बेरोजगारी की दर सर्वोच्च स्तर पर नहीं है। सीएमआइआइ के प्रतिवर्ष जारी किए जाने वाले आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड में बेरोजगारी की दर लगातार कम दर्ज की गई है। राज्य में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 8.50 लाख है। सरकार ने करीब सात लाख व्यक्तियों को रोजगार मुहैया कराया है।

    सरकार के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, काजी निजामुद्दीन व हरीश धामी ने आपत्ति की। प्रीतम सिंह उन्होंने कहा कि सरकार सदन में सात लाख को रोजगार देने की बात कह रही है, जबकि इससे पहले सदन में ही सरकार 10 लाख व्यक्तियों को रोजगार देने का वक्तव्य दे चुकी है। कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत और संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत के जवाब से विपक्षी विधायक नाराज हो गए। तकरीबन पौने घंटे तक नोक-झोंक के बाद विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। शून्यकाल में विशेषाधिकार हनन के तहत कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने इस विषय को फिर उठाया। पीठ ने उनके मौखिक रूप से विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर नोटिस नहीं लिया। पीठ ने लिखित में प्रस्ताव मिलने पर इस विषय पर विचार करने की बात कही।

    शून्यकाल में भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार पर हमला बोला। कार्य स्थगन प्रस्ताव में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने बाजपुर की घटना के आलोक में कहा कि पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक ही सुरक्षित नहीं हैं तो आमजन की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने केदारनाथ के विधायक मनोज रावत के साथ अभद्रता का विषय भी रखा। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने आंकड़े रखते हुए कहा कि पिछली सरकार की तुलना में पिछले पौने पांच साल में अपराधों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि बाजपुर की घटना हमला चिंता का विषय है, लेकिन इसके पीछे कुछ और कारण भी हैं।

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