विधानसभा का शीतकालीन सत्र : सदन में देवस्थानम निरसन विधेयक पर लगी मुहर
Uttarakhand Assembly Session 2021 विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू हुई जो दो बजे तक के लिए स्थगित हो गई है। आज सदन में देवस्थानम समेत नौ विधेयक पारित होंगे। इससे पहले बीते रोज बेरोजगारी को लेकर सदन के भीतर राजनीति गर्मा गई।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को निरस्त करने पर विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शनिवार को मुहर लग गई। सदन ने 1353.79 करोड़ के द्वितीय अनुपूरक बजट समेत नौ विधेयक भी पारित कर दिए गए। इसके साथ ही विधानसभा सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले सत्र में आजादी के अमृत महोत्सव पर भी चर्चा हुई। ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने विशेषाधिकार हनन से जुड़े मामले भी उठाए। पीठ ने विशेषाधिकार हनन के लंबित मामलों में 10 दिन के भीतर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश सरकार और शासन को दिए।
राज्य की चौथी विधानसभा का यह अंतिम सत्र था। शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन की कार्यवाही की शुरुआत हंगामे से हुई। इसके चलते सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। भोजनावकाश के बाद सदन में आजादी के अमृत महोत्सव पर चर्चा हुई, जो करीब चार घंटे तक चली। सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों ने कहा कि आजादी को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को आगे आना होगा।
इसके बाद विपक्ष की ओर से दी गई कार्य स्थगन की सात सूचनाओं की ग्राह्यता पर चर्चा हुई। इसके अंतर्गत विपक्ष ने महंगाई व कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत, अतिथि शिक्षकों की बहाली जैसे मामले उठाए। देर रात तक चली कार्यवाही में विपक्ष के हंगामे के बीच उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम (निरसन) विधेयक, नजूल भूमि विधेयक व उत्तराखंड विनियोग (द्वितीय अनुपूरक) विधेयक समेत 10 विधेयक पारित कर दिए। विधेयकों पर चर्चा कराने की विपक्ष की मांग को स्वीकार नहीं किया गया।
उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विधायकों के विशेषाधिकार हनन के मामलों को लेकर सदन गर्माया रहा। विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के कुछ विधायकों ने जानना चाहा कि कि विशेषाधिकार हनन के प्रकरणों में पूर्व में पीठ ने जो विनिश्चय दिए थे, उनपर क्या कार्यवाही हुई। उनका ये भी आरोप था कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों की बातों को सुनते नहीं है। इसे लेकर सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित हुई। विपक्ष ने कोरम पूरा न होने की बात कहते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। तब सदन में सत्ता पक्ष के चार विधायक ही मौजूद थे।
इससे पहले बीते रोज बेरोजगारी को लेकर सदन के भीतर राजनीति गर्मा गई। प्रश्नकाल के दौरान रोजगार और बेरोजगारी के मुद्दे पर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों और कौशल विकास एवं सेवायोजन मंत्री डा हरक सिंह रावत के बीच तीखी नोकझोंक और झड़पें हुईं। राज्य में बेरोजगारी दर देश में सर्वोच्च होने के विपक्ष के आरोप को मंत्री ने नकार दिया तो विपक्ष ने सदन में रखे गए रोजगार के आंकड़ों पर सवाल उठा दिए।
मंत्री डा रावत के सात लाख को रोजगार देने के जवाब में कांग्रेस विधायकों ने इससे पहले सदन में ही 10 लाख को रोजगार देने के सरकार के वक्तव्य को लेकर हंगामा कर दिया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विधायकों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।
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