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    मतभेदों के बाद भी दिग्गजों का भाजपा के खिलाफ एक सुर, समन्वय समिति की बैठक में शामिल हुए सभी बड़े नेता

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Sat, 31 Jul 2021 08:27 AM (IST)

    Uttarakhand Assembly Election 2022 कांग्रेस के नेता आपसी मतभेदों और अंतर्विरोधों के बावजूद सरकार और भाजपा के खिलाफ मुहिम को धार देने के लिए एकजुट दिखाई देंगे। प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक में तमाम दिग्गज नेताओं की मौजूदगी ने पार्टी की आगे की रणनीति का खुलासा भी कर दिया।

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    मतभेदों के बाद भी दिग्गजों का भाजपा के खिलाफ एक सुर।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Election 2022 उत्तराखंड में कांग्रेस के नेता आपसी मतभेदों और अंतर्विरोधों के बावजूद सरकार और भाजपा के खिलाफ मुहिम को धार देने के लिए एकजुट दिखाई देंगे। प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक में तमाम दिग्गज नेताओं की मौजूदगी ने पार्टी की आगे की रणनीति का खुलासा भी कर दिया। समन्वय समिति मनभेदों को दूर कर सांगठनिक रूप से मजबूती के लिए आगे का रोडमैप आगामी तीन अगस्त को होने वाली कोर कमेटी की बैठक में रखेगी।

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    2022 के चुनाव को ध्यान में रखकर कांग्रेस नेतृत्व ने प्रदेश में बड़े स्तर पर फेरबदल को अंजाम दिया है। इस बदलाव की वजह से भी प्रदेश के दिग्गज नेताओं के बीच आपस में मनमुटाव और खिंचाव साफ महसूस किया गया। इस सबके बावजूद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की अध्यक्षता में गठित प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति की पहली बैठक में सभी सदस्य जुटे। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में हुई इस बैठक में बतौर सदस्य प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव हरीश रावत, राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा, राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक जरिता लैटफ्लैंग, पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी ने शिरकत की।

    इसके साथ ही प्रदेश कोषाध्यक्ष आर्येंद्र शर्मा, महामंत्री विजय सारस्वत, मीडिया कमेटी के प्रदेश प्रभारी राजीव महॢष, प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप, एवं विशेष आमंत्रित सदस्य राजेंद्र भंडारी भी शामिल हुए। बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के भीतर बेहतर तालमेल को लेकर सभी वरिष्ठ नेताओं ने गहनता से मंथन किया। दरअसल कांग्रेस को संगठन के तौर पर सड़कों पर उतरने के साथ ही जनता के बीच पैठ बनानी है। ऐसे में संगठन से लेकर बड़े नेताओं के बीच तालमेल पर समन्वय समिति का ज्यादा फोकस रहना तय है।

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