Uttarakhand Vidhan Sabha: विपक्ष के हंगामे के बीच 55 मिनट चला सदन, अनुपूरक विनियोग समेत नौ विधेयक पारित
देहरादून विधानसभा का मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। कांग्रेस विधायकों ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई। विधायकों ने विधानसभा सचिव की मेज पर पुस्तकें पटकी और नारेबाजी की। शोरशराबे के चलते सदन को कई बार स्थगित करना पड़ा लेकिन हंगामे के बीच कुछ विधेयक पारित किए गए और सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया।

राज्य ब्यूरो, जागरण गैरसैंण। विधानसभा का मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष के कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सभी कार्य रोककर चर्चा की मांग पर अड़े रहने का नतीजा यह हुआ कि चार दिन के लिए प्रस्तावित सत्र डेढ़ दिन ही सिमट गया।
कांग्रेस विधायकों ने दूसरे दिन भी बुधवार को सदन में जमकर हंगामा काटा। उन्होंने विधानसभा सचिव की मेज पर लगातार पुस्तकें पटकीं तो सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पीठ की ओर पर्चे उछाले। इसके चलते सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।
प्रश्नकाल भी नहीं हो पाया। बाद में हंगामे के बीच 55 मिनट तक चली कार्यवाही के दौरान अनुपूरक विनियोग समेत नौ विधेयक पारित किए गए। साथ विभिन्न विधायकों की सूचनाएं ध्यानाकर्षण के लिए ली गईं। इसके पश्चात सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
मंगलवार से सदन में डटे कांग्रेस विधायक बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही अध्यक्ष के आसन के सम्मुख आकर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने हंगामा कर रहे कांग्रेस विधायकों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया, लेकिन वे नहीं माने।
हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही 15 मिनट स्थगित कर दी गई। इसके पश्चात जब कार्रवाई शुरू हुई तो विपक्ष ने नारेबाजी तेज कर दी। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। आम आदमी के मन में भय है। नैनीताल की घटना इसका उदाहरण है।
तभी हंगामे पर उतारू कांग्रेस विधायक विधानसभा सचिव की मेज पर पुस्तकें पटकने लगे। साथ ही पुस्तकें फाड़कर पीठ की तरफ पर्चे भी उछाले। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने उनसे पुस्तकें न फाड़ने का निवेदन किया, लेकिन वे नहीं माने। इस पर 35 मिनट के लिए सदन स्थगित कर दिया गया।
12 बजे कार्यवाही होने पर भी विपक्ष ने हंगामा जारी रखा। नतीजतन पांच मिनट बाद ही सदन 35 मिनट के फिर स्थगित हुआ। 12 बजकर चालीस मिनट से 1:20 बजे तक सदन की कार्यवाही हंगामे के बीच चली। इसी दरम्यान विभागवार अनुदान मांगे और अनुपूरक विनियोग समेत अन्य विधेयक पारित हुए।
सदन को चलने दो, जनता की आवाज पहुंचने दो
सदन में सत्तापक्ष के विधायकों ने भी हंगामा कर रहे कांग्रेस विधायकों को कागज दिखाए। इनमें ‘सदन को चलने दो जनता की आवाज पहुंचने दो’, ‘विपक्ष अवैध मदरसों को क्यों बंद नहीं करने देना चाहता’ जैसे नारे लिखे थे। विपक्ष ने इसे सत्तापक्ष के विधायकों का ड्रामा करार दिया। इस पर सत्तापक्ष व विपक्ष के विधायकों के मध्य नोकझोंक भी हुई। यद्यपि, विधानसभा के सुरक्षा कर्मचारियों ने कुछ विधायकों की मेज से ये कागज ले लिए थे।
सदन में अनुपूरक विनियोग विधेयक समेत नौ विधेयक हुए पारित
गैरसैंण: विधानसभा सत्र के दूसरे दिन बुधवार को सदन में 5315.39 करोड़ के अनुपूरक बजट समेत नौ विधेयक पारित किए गए। अब इन विधेयकों को मंजूरी के लिए राजभवन भेजा जाएगा। राजभवन से मुहर लगने के बाद ये अधिनियम बन जाएंगे।
ये विधेयक हुए पारित
- उत्तराखंड विनियोग (2025-26 का अनुपूरक ) विधेयक
- उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश श्री बदरीनाथ तथा श्री केदारनाथ मंदिर अधिनियम, 1939) (संशोधन ) विधेयक
- उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता एवं विधि विरुद्ध प्रतिषेध (संशोधन ) विधेयक
- उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय (संशोधन ) विधेयक
- उत्तराखंड साक्षी संरक्षण (निरसन) विधेयक
- उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक
- समान नागरिक संहिता उत्तराखंड (संशोधन) विधेयक
- पंचायती राज (संशोधन) विधेयक
- उत्तराखंड लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक
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