उत्तराखंड के 25 टूरिस्ट प्लेस को हेली सर्विस से जोड़ने की तैयारी, सरकार ने सैलानियों के लिए बनाया ये प्लान
उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यूकाडा ने 25 से अधिक धार्मिक और पर्यटन स्थलों को हेली सेवाओं से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। इस योजना में सभी धामों के साथ कई प्रमुख पर्यटन स्थल शामिल हैं। सरकार हेलीपैड की संख्या बढ़ा रही है और सीमांत क्षेत्रों में हवाई संपर्क को मजबूत कर रही है। इसका उद्देश्य पर्यटकों को सुविधा देना और आपदा में राहत कार्य करना है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रदेश के पर्यटन क्षेत्रों व धार्मिक स्थलों के लिए पर्यटकों का सफर अब आसान हो जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास परिषद (यूकाडा) ने प्रदेश के 25 से अधिक धार्मिक व पर्यटन स्थलों को हेली सेवाओं से जोडऩे का लक्ष्य रखा है।
प्रदेश के सभी धाम के साथ ही पिथौरागढ़ में मुनस्यारी, चंपावत में पूर्णागिरी व चूका, पौड़ी में लैंसडौन, अल्मोड़ा में मचकाली व देहरादून में चकराता जैसे क्षेत्रों को हेली सेवाओं से जोड़ा जाएगा।
बढ़ाई जा रही हेलीपैड व हेलीपोर्ट की संख्या
प्रदेश में हेली व हवाई सेवाओं का लगातार विस्तार हो रहा है। इस समय प्रदेश में सभी जिलों को हेली सेवाओं से जोडऩे की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। हेलीपैड व हेलीपोर्ट की संख्या बढ़ाई जा रही है।
सीमांत क्षेत्रों में सेना के सहयोग से हवाई कनेक्टिविटी को और अधिक मजबूत किया जा रहा है। उद्देश्य यह कि इन हेली सेवाओं को सुदृढ़ करने से न केवल पर्यटकों को बेहतर सहूलियत दी जा सकेगी, साथ ही आपदा के दौरान भी राहत एवं बचाव कार्यों में इनका उपयोग किया जा सकेगा।
प्रदेश सरकार ने इस वर्ष अपने बजट भाषण में हेली सेवाओं के विस्तार का जिक्र किया है। अब नागरिक उड्डयन विभाग इस दिशा में कदम आगे बढ़ा रहा है। इसके तहत पूर्व में संचालित हेली सेवाओं को मिलाकर कुल 25 नए स्थानों को चिह्नित किया जा रहा है।
इन स्थानों पर हेली सेवा हैं प्रस्तावित
हरिद्वार, टिहरी झील, मसूरी, चकराता, गंगोत्री, यमुनोत्री लैंसडौन, बदरीनाथ, गौचर, जोशीमठ, गुंजी, मुनस्यारी, पूर्णागिरी, चूका, मचकाली व भीमताल आदि।
‘प्रदेश में हेली सेवाओं के विस्तार के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। धीरे-धीरे कर इन सभी स्थानों के लिए हेली सेवाएं शुरू की जाएंगी।’ - आशीष चौहान, सीईओ यूकाडा
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