उत्तराखंड के दिग्गजों में नहीं बनी सहमति, कांग्रेस हाईकमान ने देर रात निकाला ये हल; फिर जारी हुई सूची
Uttarakhad Election 2022 कांग्रेस ने आखिरकार प्रत्याशियों की पहली सूची घोषित कर दी। पिछले लगभग 10 दिनों से कांग्रेस के तमाम दिग्गज दिल्ली में सिर जोड़कर बैठे रहे। इसका कारण यह रहा कि उत्तराखंड के बडे नेता कई सीटों पर एक राय नहीं हो पा रहे थे

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Election 2022 उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के दो दिन बीतने के बाद शनिवार को कांग्रेस ने आखिरकार प्रत्याशियों की पहली सूची घोषित कर दी। पिछले लगभग 10 दिनों से कांग्रेस के तमाम दिग्गज दिल्ली में सिर जोड़कर बैठे रहे, लेकिन सूची आधी रात को ही जारी हो पाई तो इसका कारण यह रहा कि उत्तराखंड के बडे नेता कई सीटों पर एक राय नहीं हो पा रहे थे। देर शाम गतिरोध दूर करने के लिए कांग्रेस ने एक नई कमेटी बनाई, जिसमें केसी वेणुगोपाल व मुकुल वासनिक को शामिल किया गया। इसके बाद ही पहली सूची जारी हो पाई।
विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कांग्रेस होमवर्क करने के चाहे जितने दावे करे, लेकिन हकीकत यह है कि पार्टी में प्रत्याशी चयन के लिए बनाए गए तमाम कायदे-कानूनों पर वरिष्ठ नेता ही एकराय नहीं बना पाए। कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व प्रदेश के सभी बड़े नेताओं के साथ लगभग 10 दिनों से मंथन में जुटा रहा, लेकिन वे प्रत्याशियों के नाम तय नहीं कर सके। इससे पार्टी की अंदरूनी खींचतान सतह पर दिखाई दी।
यह स्थिति तब है, जबकि तीन से पांच महीने पहले पार्टी ने चुनाव की धरातल पर तैयारियों के दावे किए थे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से पांच-पांच निर्वाचन क्षेत्रों में एक-एक पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए, जिन्होंने संभावित दावेदारों का आनलाइन और आफलाइन साक्षात्कार लेकर उनकी स्थिति का आकलन किया और हाईकमान को इससे अवगत कराया। कई पर्यवेक्षक ऐसे भी नियुक्त किए गए, जिन्होंने निर्वाचन क्षेत्र का भ्रमण कर मतदाताओं की नब्ज टटोल पार्टी हाईकमान को रिपोर्ट दी।
माना जा रहा है कि कांग्रेस की गुटबाजी ही टिकट वितरण में सबसे बड़ा रोड़ा बनी। कई दौर की बैठकों के बाद भी जब शनिवार देर शाम तक उन सीटों पर नाम फाइनल नहीं हो पाए, जिन्हें लेकर एक राय नहीं बन पा रही थी, तो पार्टी हाईकमान ने राष्ट्रीय महामंत्री संगठन केसी वेणुगोपाल व मुकुल वासनिक को शामिल करते हुए दो सदस्यीय समन्वय कमेटी गठित की। इसे पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं की राय लेने की जिम्मेदारी दी गई और फिर अपने निर्णय से हाईकमान हो अवगत कराने को कहा गया। हाईकमान इस बात से चिंतित नजर आया कि टिकट वितरण में उपजा विवाद कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं के मनोबल को भी प्रभावित कर रहा है। खासकर इसलिए भी क्योंकि भाजपा तीन दिन पहले ही अपने 59 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर चुकी है।
पिछले 10 दिनों के दौरान भाजपा पूरी तरह प्रचार अभियान के मोर्चे पर जुटी है, उत्तराखंड कांग्रेस के सभी बड़े नेता दिल्ली में किसी फैसले पर नहीं पहुंच पा रहे थे। इनमें चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव तक शामिल थे।
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