उत्तराखंड: बिजली कर्मी आंदोलन पर अडिग, गेट मीटिंग में बुलंद की आवाज; जानें- क्या है उनकी मांग
उत्तराखंड में ऊर्जा के तीनों निगमों के कार्मिक आंदोलन पर अडिग हैं। मांगों को लेकर उन्होंने पिटकुल मुख्यालय में गेट मीटिंग कर आवाज बुलंद की और आंदोलन क ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में ऊर्जा के तीनों निगमों के कार्मिक आंदोलन पर अडिग हैं। मांगों को लेकर उन्होंने पिटकुल मुख्यालय में गेट मीटिंग कर आवाज बुलंद की और आंदोलन की तैयारियों पर चर्चा। विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले कर्मियों ने 27 जुलाई से हड़ताल का एलान किया है।
ऊर्जा के तीनों निगमों के कार्मिकों ने गुरुवार को पिटकुल मुख्यालय में गेट मीटिंग कर आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की। मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने कहा कि वर्ष 2017 में ऊर्जा निगम के कार्मिक आंदोलनरत थे, तब 22 दिसंबर 2017 को कार्मिकों के संगठनों व सरकार के बीच द्विपक्षीय समझौता हुआ था। आज तक उस समझौते पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग में 9-5-5 वर्षों में एसीपी व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया, जो कि उन्हें उत्तर प्रदेश के समय से ही मिल रही थी।
यही नहीं, पे मैट्रिक्स में भी काफी छेड़खानी की गई। इससे पूर्व कार्मिक संगठन मुख्यमंत्री के आश्वासन व कोविड महामारी के कारण 27 मई को प्रस्तावित आंदोलन से पीछे हट गए थे। लेकिन, तमाम प्रयासों के बावजूद शासन की ओर से कोई पहल न किए जाने से कार्मिकों में रोष है। ऐसे में 27 जुलाई से पूर्ण हड़ताल की जाएगी।
गेट मीटिंग में उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन के अध्यक्ष राकेश शर्मा, पंकज सैनी, बिजली कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विनोद ध्यानी, हाइड्रोइलेक्ट्रिक एंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष केहर सिंह, उत्तरांचल पावर इंजीनियर एसोसिएशन के महासचिव अमित रंजन, उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष आनंद सिंह रावत, आरक्षित वर्ग ऊर्जा एसोसिएशन से विवेक कुमार आदि शामिल थे।

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