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    उत्तराखंड में पंच लगाएंगे मुहर तभी अवैध कब्जा ध्वस्त कर पाएंगे शहरी निकाय, शासनादेश जारी कर बताए नए मानक

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 09:52 AM (IST)

    उत्तराखंड में सार्वजनिक संपत्ति पर अवैध कब्जों को हटाने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। शहरी निकायों को विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी होगी जिसमें दो पंचों के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं। ध्वस्तीकरण से पहले कारण बताओ नोटिस देना जरूरी है और प्रत्येक निकाय को तीन महीने में डिजिटल पोर्टल बनाना होगा। कब्जा हटाने के लिए 15 दिन का समय मिलेगा।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। सार्वजनिक संपत्ति पर अवैध कब्जों को गिराने से शहरी निकायों को विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी होगी। इस रिपोर्ट में संपत्ति के बारे में पूरी जानकारी व अवैध कब्जे का पूरा विवरण दर्ज करने के साथ ही दो पंचों के दस्तखत कराने होंगे।

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    इसके बाद ही ध्वस्तीकरण को जायज माना जाएगा। ध्वस्तीकरण की कोई कार्रवाई कारण बताओ नोटिस दिए बिना अमल में नहीं लाई जाएगी। नोटिस प्राप्त होने के 15 दिनों बाद ही कब्जा हटाया जाएगा। इसके लिए शासनादेश जारी किया गया है।

    शहरी विकास निदेशक को जारी शासनादेश में निकायों में सार्वजनिक संपत्ति पर अवैध अतिक्रमण ध्वस्त करने को लेकर मानक जारी किए गए। कहा गया, ध्वस्तीकरण की कोई कार्रवाई कारण बताओ नोटिस दिए बिना अमल में नहीं लाई जाएगी।

    नोटिस प्राप्त होने के बाद 15 दिनों की गणना नोटिस मिलने के दिन से की जाएगी। कब्जेधारी को जारी नोटिस की प्रति पंजीकृत डाक से भेजना अनिवार्य होगा। नोटिस को कब्जा किए गए भवन के बाहरी हिस्से पर चस्पा करना जरूरी होगा।

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    प्रत्येक शहरी निकाय तीन माह में एक डिजिटल पोर्टल तैयार करेंगे। इसमे नोटिस जारी करने से लेकर चस्पा करने व पारित आदेशों के संबंध में अन्य विवरण का उल्लेख किया जाएगा। नोटिस जारी करने के बाद कब्जेधारी को निजी सुनवाई का अवसर दिया जाएगा।

    सुनवाई के बाद अंतिम आदेश पारित किए जाएंगे। कब्जेदार को कब्जा हटाने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा। अगर कब्जाधारक अतिक्रमण नहीं हटाता है तो उसे ध्वस्त कर दिया जाएगा।