'स्मार्ट मीटर से बढ़े बेतहाशा बिजली के बिल' भाजपा पार्षदों ने घेरा अधिशासी अभियंता का दफ्तर
देहरादून में स्मार्ट मीटर लगने के बाद बढ़े बिजली बिलों के खिलाफ भाजपा पार्षदों ने प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि बिना सहमति के मीटर लगाए गए, जिससे बिल चार गुना बढ़ गया है। पार्षदों ने पुराने बिलों की समस्या उठाई और मीटरों की जांच की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि समाधान न होने पर वे धरना देंगे।

भाजपा पार्षदों ने स्मार्ट मीटर के खिलाफ किया प्रर्दशन।
जागरण संवाददाता, देहरादून। भाजपा पार्षदों ने स्मार्ट मीटर पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंगलवार दोपहर भाजपा पार्षदों और क्षेत्रवासियों ने ईसी रोड स्थित अधिशासी अभियंता कार्यालय पहुंचकर विभाग के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि विभाग ने बिना उपभोक्ताओं की सहमति के जबरन स्मार्ट मीटर लगाए हैं, जिसके बाद से अब हर महीने चार गुना तक अधिक बिजली बिल आ रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही बिजली बिलों में सुधार नहीं किया गया और पुराने मीटरों की जांच नहीं कराई गई, तो वे स्मार्ट मीटर निकालकर कार्यालय के बाहर धरना देंगे।
पार्षदों ने दी चेतावनी, मीटर नहीं बदले तो करेंगे धरना-प्रदर्शन
शिकायतकर्ता पार्षद मीनाक्षी नौटियाल के नेतृत्व में पहुंचे पार्षदों ने अधिशासी अभियंता को सौंपे ज्ञापन में कहा कि जुलाई और अगस्त 2025 में उनके वार्ड में बिना पूर्व सूचना और बिना उपभोक्ताओं की सहमति के स्मार्ट मीटर लगाए गए। उस समय ही विभाग को चेताया गया था कि इन मीटरों में गड़बड़ी की आशंका है।
बोले, बिना सहमति लगाए गए मीटरों से चार गुना बढ़ा बिल
लोगों ने कहा कि जहां पहले दो महीने का बिजली बिल औसतन 1000 से 1200 आता था, वहीं अब स्मार्ट मीटर लगने के बाद एक महीने का ही बिल 1500 से 2000 तक आने लगा है। क्षेत्रवासियों ने आरोप लगाया कि विभाग के ठेकेदारों ने जबरन लोगों के घरों में मीटर लगवा दिए और विरोध करने पर भी किसी की नहीं सुनी गई। उन्होंने कहा कि पूरे देहरादून में सिर्फ कुछ ही क्षेत्रों में इन मीटरों को लगाया गया है, जिससे यह संदेह और बढ़ गया है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है।
आठ महीने से नहीं आया पुराना बिल
प्रदर्शनकारियों ने यह भी शिकायत की कि पुराने लगे मीटरों का पिछले आठ महीनों से बिल जारी नहीं किया गया। अब जब स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, तो एक साथ भारी राशि का बिल भेजा जा रहा है, जो आम उपभोक्ताओं के लिए देना संभव नहीं है। पार्षदों और स्थानीय निवासियों ने दो प्रमुख मांग की कि सभी स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के घरों पर चेक मीटर लगाकर बिजली खपत की जांच कराई जाए। जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक स्मार्ट मीटर के बिलों का भुगतान नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यदि विभाग ने जल्द समस्या का समाधान नहीं किया, तो क्षेत्रवासी मीटर निकालकर अधिशासी अभियंता कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे।
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