Dehradun News: शिकायत के 48 घंटे में अतिक्रमण पर होगी कार्रवाई, हटेंगी अवैध मंडियों और हाट बाजार
देहरादून नगर निगम बोर्ड की बैठक में अतिक्रमण हाट बाजार और अवैध मंडियों के मुद्दे पर हंगामा हुआ। पार्षदों ने अधिकारियों पर निष्क्रियता और भूमाफिया से मिलीभगत का आरोप लगाया। अतिक्रमण की शिकायत मिलने पर 48 घंटे में कार्रवाई का फैसला लिया गया। अवैध हाट बाजार और मंडियों को हटाने और संडे मार्केट को शहर से बाहर करने का भी निर्णय हुआ।
जागरण संवाददाता, देहरादून। नगर निगम देहरादून की बोर्ड बैठक हंगामेदार रही। बैठक में अतिक्रमण, हाट बाजार, अवैध मंडियों, कूड़ा प्रबंधन, प्रत्याशा कार्यों और संडे मार्केट जैसे मुद्दों पर पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। बैठक के दौरान पार्षदों ने निगम की कार्यप्रणाली, अधिकारियों की निष्क्रियता और भूमाफिया से मिलीभगत पर गंभीर आरोप लगाए।
कई प्रस्तावों पर तीखी बहस के बाद अहम फैसले लिए गए। नगर निगम की जमीन को भूमाफिया के चंगुल से बचाने के लिए पार्षदों ने ठोस कदम उठाने की मांग की। जिस पर अब शिकायत के 48 घंटे में अतिक्रमण पर कार्रवाई कर कब्जा लेने का निर्णय लिया।
बैठक की शुरुआत में पार्षदों ने सरकारी जमीनों पर हो रहे धड़ल्ले से कब्जों का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। पार्षदों का कहना था कि अतिक्रमण की शिकायतें महीनों तक पेंडिंग रहती हैं, जिससे भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
पार्षदों ने आरोप लगाया कि नगर निगम के भूमि अनुभाग के कर्मचारी अतिक्रमणकारियों को बचाने का रास्ता खुद दिखाते हैं। शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती। सदन में नगर निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों पर भूमाफिया से मिलीभगत के आरोप भी लगे।
पार्षदों ने कहा कि कई बार निगम की टीमें बिना सीमांकन और गहन जांच के कार्रवाई कर देती हैं, जिससे वैध निर्माण भी प्रभावित हो जाते हैं। निर्णय लिया गया कि अब अतिक्रमण की शिकायत दर्ज होते ही 48 घंटे में कार्रवाई की जाएगी। साथ ही बिना सीमांकन के किसी भी निर्माण पर कार्रवाई नहीं होगी।
हाट बाजार, अवैध मंडियां और संडे मार्केट हटेंगे
बैठक में हाट बाजार, अवैध मंडियों और संडे मार्केट का मुद्दा भी गूंजा। पार्षदों ने कहा कि शहर में कई निजी जमीनों पर हाट बाजार चल रहे हैं, जहां से संचालक मोटा पैसा कमाते हैं, लेकिन गंदगी और अव्यवस्था की जिम्मेदारी पार्षदों पर आती है। इसके अलावा अवैध मंडियों में वसूली की शिकायतें सामने आईं।
पार्षदों का कहना था कि निगम को इनसे कोई राजस्व नहीं मिलता, उल्टा यहां पर अवैध वसूली होती है। इसके अलावा दूसरे राज्य के लोग ये बाजार लगाते हैं और स्थानीय दुकानदार को नुकसान होता है। बोर्ड ने निर्णय लिया कि अवैध हाट बाजार और मंडियों को हटाया जाएगा। संडे मार्केट को शहर के बीच से शिफ्ट करने पर सहमति बनी।
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