12 प्रतिशत लाइन लॉस घटाने में यूपीसीएल को लग गए 20 साल
उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन (यूपीसीएल) को 12 प्रतिशत लाइन लॉस कम करने में बीस साल का लंबा वक्त लग गया। लाइन लॉस में सबसे अधिक करीब चार फीसद की कमी वर्ष 2016 के बाद आई।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन (यूपीसीएल) को 12 प्रतिशत लाइन लॉस कम करने में बीस साल का लंबा वक्त लग गया। लाइन लॉस में सबसे अधिक करीब चार फीसद की कमी वर्ष 2016 के बाद आई, जब प्रदेश के सर्वाधिक लाइन लॉस वाले इलाकों में बंच केबल और स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद शुरू हुई। यूपीसीएल अगले दो-तीन वर्षो में लाइन लॉस को दस फीसद से नीचे लाने की जुगत में है, हालांकि इसके लिए बिजली चोरी से लेकर तमाम आधारभूत खामियों को दूर करना होगा।
गौरतलब है कि, हर साल लाइन लॉस में करोड़ों रुपये की बिजली जाया जाती है। इसमें सबसे बड़ा कारण बिजली चोरी है। लाइन लॉस में 90 फीसद हिस्सा बिजली चोरी का होता है। बाकी बिजली ट्रांसफार्मर में कमी या फिर फाल्ट आदि के चलते नष्ट हो जाती है।
दरअसल, लाइन लॉस के मामले में ऊर्जा निगम उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) का तय लक्ष्य हासिल करने की जीतोड़ कोशिश में जुटा है। निगम के अधिकारियों की मानें तो आने वाले दो-तीन वर्षो में लाइन लॉस में और कमी आएगी।
फिक्स चार्ज में छूट पाने की राह कठिन
राज्य के अपंजीकृत होटल व ढाबों को विद्युत कनेक्शन के फिक्स चार्ज में छूट पाने की राह कठिन दिखाई दे रही है। सरकार ने इसका लाभ सभी को देने की घोषणा की है, लेकिन सवाल यह है कि जो होटल, ढाबे या धर्मशालाएं पंजीकृत हैं और इसी उद्देश्य से विद्युत कनेक्शन ले रखा है। उनका डाटा तो उत्तराखंड पावर कारपोरेशन के पास है, लेकिन उन छोटे कारोबारियों के लिए मुश्किल है, जो कमर्शियल कनेक्शन लेकर होटल, ढाबा या जलपान गृह चलाते हैं।
मुख्यमंत्री ने होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे आदि को अप्रैल से जून, यानी तीन महीने तक बिजली के फिक्स्ड चार्ज से छूट दी थी। हालांकि तब इसमें धर्मशालाओं को शामिल नहीं किया गया था। मुख्यमंत्री ने सोमवार को धर्मशालाओं के लिए फिक्स्ड चार्ज माफ करने की घोषणा भी कर दी।
सरकार की इस घोषणा से होटल, ढाबा से लेकर धर्मशालाएं चलाने वाले लोगों को कोरोना काल में थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद जगी है। मगर छूट पाने की राह में जो सबसे बड़ी अड़चन है, वह यह कि पंजीकृत होटल, ढाबे और धर्मशालाओं के संचालक तो इसका लाभ उठा लेंगे, लेकिन उन लोगों के बारे में अभी कोई दिशा-निर्देश जारी नही किया गया है, जिनका पंजीकरण नहीं है।
जल्द जारी होंगे दिशा निर्देश
यूपीसीएल के प्रवक्ता एके सिंह के अनुसार, जिन होटल, ढाबों आदि का पंजीकरण है, उनका रिकॉर्ड निगम के पास है। अन्य को लाभ देने के संबंध में विमर्श किया जा रहा है। जल्द ही दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
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लाइन लॉस वाले इलाके किए जा रहे चिह्नित
यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्र के अनुसार, लाइन लॉस को 14 प्रतिशत तक कम कर लिया गया है। उन इलाकों को चिह्नित किया जा रहा है, जहां अब भी लाइन लॉस हो रहा है। उन इलाकों का सर्वेक्षण कराकर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
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