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    UKSSSC Paper Leak: भर्ती परीक्षाओं में कब होगी फुलप्रूफ व्यवस्था? उत्‍तराखंड का हर युवा पूछ रहा ये सवाल

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 07:01 AM (IST)

    उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएससी) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा रद्द होने के बाद, राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। आयोग के दावों के बावजूद, परीक्षा केंद्रों में खामियां हैं। सरकार नकलरोधी कानून को सख्त कर रही है, लेकिन तकनीकी उपायों की कमी है। अब आयोग परीक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए कदम उठा रहा है, ताकि भविष्य में कोई चूक न हो।

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    कई बार की चूक के बावजूद अन्य राज्यों की अपेक्षा परीक्षा व्यवस्थाओं के मामले में पीछे है उत्तराखंड। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएससी) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा प्रकरण से राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की व्यवस्था एक फिर से चर्चा के केंद्र में है। तमाम प्रश्न उठने के बाद इस परीक्षा को निरस्त किया जा चुका है। यद्यपि, आयोग की ओर से परीक्षा के लिए फुलप्रूफ इंतज़ामों का दावा अवश्य किया जाता है, लेकिन हकीकत यह है कि परीक्षा केंद्र अब भी अभेद किले नहीं बन पाए हैं। व्यवस्थागत खामियों का खामियाजा युवाओं को उठाना पड़ रहा है। ऐसे में प्रश्न यह उठ रहा है कि कई बार चूक के बाद भी उत्तराखंड अन्य राज्यों के आधुनिक तकनीकी और कड़े सुरक्षा उपायों से क्यों कुछ नहीं सीख रहा।

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    उत्तराखंड में प्रतियाेगी परीक्षाओं की शुचिता के लिए राज्य सरकार ने नकलरोधी कानून को बेहद सख्त किया है। इसके सार्थक परिणाम भी आए हैं, लेकिन परीक्षा प्रणाली को फुलप्रूफ बनाने के लिए तकनीकी उपाय व कड़ी निगरानी समेत काफी कुछ किया जाना शेष है। अन्य राज्यों की तस्वीर देखें तो महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक व उत्तर प्रदेश प्रतियाेगी परीक्षाओं की व्यवस्था को फुलप्रूफ बनाने में उत्तराखंड से काफी आगे हैं।

    इन राज्यों की तरह उत्तराखंड को सबसे पहले, प्रश्नपत्र की तैयारी, छपाई व वितरण की पूरी प्रक्रिया डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम से जोड़नी होगी। हर पेपर पर यूनिक क्यूआर कोड या एन्क्रिप्शन हो, ताकि बीच में किसी बदलाव या लीक का पता तुरंत चल सके। परीक्षा केंद्रों पर बायोमीट्रिक उपस्थिति और लाइव सीसीटीवी निगरानी लगातार की जाए, जिससे कोई भी परीक्षार्थी की जगह परीक्षा न दे सके। स्ट्रांग-रूम में पेपर स्टोरेज, जीपीएस ट्रैकिंग और स्मार्ट लाकर जैसी व्यवस्थाएं प्रत्येक केंद्र के लिए सुनिश्चित करनी होगी। पेपर अधिकृत अधिकारी की अनुमति से खोले जाएं। डिजिटल सर्वर व साइबर सुरक्षा सेल की निगरानी से आनलाइन परीक्षा की विश्वसनीयता को बढ़ाया जाए।

    अन्य राज्यों में इंतजाम

    एन्क्रिप्टेड प्रश्नपत्र- तमिलनाडु, महाराष्ट्र में प्रश्न-पत्र तैयार होने के बाद इसे डिजिटल रूप में एन्क्रिप्ट कर दिया जाता है। एन्क्रिप्टेड फाइल को सुरक्षित सर्वर या क्लाउड में रखा जाता है। परीक्षा के ठीक पहले केवल अधिकृत अधिकारी फाइल को डीक्रिप्ट करते हैं। इससे पेपर लीक की संभावना कम हो जाती है। ट्रांसमिशन या ट्रांसपोर्ट के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
    ओटीपी-बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन- परीक्षार्थी या जगह बदलकर परीक्षा देने की संभावना कम।
    स्ट्रांग-रूम, जीपीएस ट्रैकिंग- प्रश्नपत्रों व उत्तरपुस्तिकाओं को सीसीटीवी और अलार्म के साथ सुरक्षित रखा जाता है। पेपर चोरी या छेड़छाड़ की संभावना कम हो जाती है।
    सीसीटीवी-एआइ मानिटरिंग - कैमरे परीक्षा केंद्र में लगे होते हैं और पूरी गतिविधि रिकार्ड करते हैं। किसी भी गड़बड़ी या संदिग्ध व्यवहार का तुरंत पता चल जाता है।
    ब्लाकचेन आधारित प्रश्न-बैंक - यह डिजिटल रिकार्डिंग तकनीक है, जो फाइलों को टैम्पर-प्रूफ और सुरक्षित रखती है। परीक्षा में, प्रश्नपत्र को ब्लाकचेन पर स्टोर किया जाता है और केवल अधिकृत अधिकारी ही इसे रिलीज़ कर सकता है। इससे प्रश्नपत्र और उत्तरपुस्तिकाओं में छेड़छाड़ संभव नहीं।

    आयोग के समक्ष परीक्षा के कड़े मानक बनाने की चुनौती

    स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा निरस्त हाेने के बाद उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अब आगे फूंक-फूंककर कदम रखने की तैयारी कर रहा है। परीक्षा की शुचिता आयोग के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। आयोग के सचिव डा. शिव प्रसाद बरनवाल के अनुसार परीक्षा व्यवथा को और सुदृढ़ करने के दृष्टिगत जल्द ही समीक्षा की जाएगी। इस बात पर विशेष जोर दिया जा रहा है कि परीक्षा व्यवस्था में कोई चूक न हो। इसके लिए आयोग प्रत्येक केंद्र पर त्रिस्तरीय मानक बनाने की तैयारी कर रहा है। इसमें पुलिस, आयोग के अधिकारी एवं अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरण सीसीटीवी कमरे 5जी जैमर को पुख्ता करेगा।

    इन प्रस्तावित परीक्षाओं पर लेना होगा जल्द निर्णय

    • विभाग, रिक्त पद, प्रस्तावित परीक्षा तिथ
    • वन दारोगा, 124, 28 अक्टूबर 2025
    • उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के सदस्य, 20, 15 दिसंबर,
    • सहायक अध्यापक,128, 18 जनवरी, 2026
    • विशेष तकनीकी सहायक, 62, एक फरवरी, 2026
    • वाहन चालक, 37, 22 फरवरी 2026
    • कृषि सहायक इंटरमीडियट, 212, 15 मार्च,
    • सहायक लेखाकार, 36, 29 मार्च
    • कनिष्ठ सहायक, 386, 10 मई
    • आइटीआइ डिप्लोमा, 41, 31 मई
    • विभिन्न विभागों में स्नातक स्तरीय, 48, 21 जून