मदरसा बोर्ड अध्यक्ष का देश विरोधियों पर करारा प्रहार, बोले- 'सफल नहीं होने देंगे उत्तराखंड को नेपाल बनाने के मंसूबे'
उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने समूह-ग परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक मामले में हो रही बयानबाजी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन की आड़ में राज्य विरोधी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और उत्तराखंड को नेपाल बनाने के मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने परीक्षा की शुचिता पर सवाल उठाने वालों को आत्मनिरीक्षण करने की सलाह दी ।

राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की समूह-ग की परीक्षा के दौरान एक केंद्र से प्रश्नपत्र के कुछ अंश बाहर आने के मामले को चल रहे आंदोलन में जिस तरह की बयानबाजी हो रही है, उस पर उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कड़ा ऐतराज जताया है।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शन की आड़ में राज्य और समाज विरोधी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उत्तराखंड को नेपाल बनाने के मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षा की शुचिता पर प्रश्न उठाने वालों को पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए।
मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि विरोध प्रदर्शन अपनी जगह है, लेकिन उसकी आड़ में उत्तराखंड को नेपाल बनाने जैसी बयानबाजी और भगवा में नेताओं को लपेटने की धमकी कतई अस्वीकार्य है। इस तरह की समाज और राज्य विरोधी हरकतें किसी भी दशा में सहन नहीं की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति की करतूत को पर्चा लीक कहना सरासर गलत है। इस मामले में मुख्य आरोपित खालिद का हर कृत्य जांच के दायरे में है और कार्रवाई भी हो रही है। जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। इसमें शक की कोई गुंजाइश नहीं है।
उन्होंने कहा कि परीक्षा की शुचिता पर प्रश्न उठाने वालों को पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। उन्होंने कहा कि धामी सरकार के पिछले चार साल के कार्यकाल में 26 हजार से अधिक युवाओं को विभिन्न विभागों में नियुक्तियां मिली हैं। इनकी भर्ती परीक्षाएं पाक साफ और ईमानदारी के साथ हुई हैं। इन्हें लेकर कहीं कोई सवाल है तो उठाएं।
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