UKSSSC Paper Leak : परीक्षा परिणाम भी फंसा, पूर्व में करवाई गई परीक्षाओं पर भी उठने लगे सवाल
UKSSSC Paper Leak एसटीएफ की ओर से गिरफ्तार किए गए गिरोह के छह आरोपितों ने अभी पूछताछ में चार परीक्षार्थियों से ही पर्चे के बदले धनराशि लेने की बात कबूली है लेकिन एसटीएफ की मानें तो आरोपितों ने कई अभ्यर्थियों को पेपर बेचे थे।

सोबन सिंह गुसांई, देहरादून : UKSSSC Paper Leak : स्नातक स्तर की परीक्षा का पर्चा लीक होने का मामला सामने आने के बाद अब आयोग की ओर से जारी की गई मेरिट और फाइनल परिणाम फंसने की संभावना पैदा हो गई है। एसटीएफ की ओर से गिरफ्तार किए गए गिरोह के छह आरोपितों ने अभी पूछताछ में चार परीक्षार्थियों से ही पर्चे के बदले धनराशि लेने की बात कबूली है, लेकिन एसटीएफ की मानें तो आरोपितों ने कई अभ्यर्थियों को पेपर बेचे थे।
दूसरी ओर, इस मामले में आयोग की भूमिका भी सवालों में घिर गई है। चार-पांच दिसंबर 2021 को परीक्षा कराई गई थी। इस मामले में बेरोजगार संघ की ओर से पूर्व से ही संभावना जताई जा रही थी कि पर्चा लीक हुआ है। बाकायदा संघ की ओर से जो सवाल लीक हुए थे, उनके स्क्रीन शाट भी आयोग को उपलब्ध करवाए गए, लेकिन आयोग ने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया।
अब स्नातक स्तर की परीक्षा का पेपर लीक होने का मामला सामने आने के बाद पूर्व में हुई परीक्षाओं पर भी सवाल उठने लगे हैं। क्योंकि आयोग से पेपर कापी करने वाला आरोपित जयजीत दास आयोग में वर्ष 2015 से कार्यरत है। वर्ष 2015 से अब तक करीब सात साल में आयोग कई परीक्षाएं करवा चुका है। ऐसे में शक है कि वह पहले भी पर्चा लीक करवा चुका है।
कई केंद्रों में बैठे परीक्षार्थी
एसटीएफ की मानें तो जिन अभ्यर्थियों को पर्चा उपलब्ध करवाया गया, उन्होंने प्रदेश के कई केंद्रों पर परीक्षा दी। जांच का दायरा बढ़ने से कुछ और अभ्यर्थियों के नाम सामने आने की संभावना है। एसटीएफ की ओर से गिरफ्तार किए गए आरोपित चंपावत निवासी मनोज जोशी और किच्छा उधमसिंह नगर निवासी गौरव नेगी ने भी 15-15 लाख रुपये देकर परीक्षा पास कर ली थी।
प्रिंटिंग व कंपोजिंग के दौरान पर्चा लीक हुआ है। यह पहला मामला है, जब पर्चा लीक हुआ है। परीक्षाओं की मेरिट सूची जारी हो चुकी है, सरकार के आदेश के बाद आगे निर्णय लिया जाएगा।
- संतोष बडोनी, सचिव यूकेएसएससी
पर्चा लीक होने का मामला सामने आने के बाद परीक्षा रद्द की जानी चाहिए। उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने पहले ही साक्ष्यों के साथ कहा था कि पर्चा लीक हुआ था, लेकिन आयोग ने उनकी बात को अनदेखा किया।
- बाबी पंवार, अध्यक्ष, उत्तराखंड बेरोजगार संघ
आयोग की भर्ती परीक्षाओं पर उठते रहे सवाल
समूह ‘ग’ पदों की भर्ती में पारदर्शिता लाने और नकल रोकने के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएससी) की ओर से कई बदलाव किए गए, लेकिन परीक्षा को फुलप्रूफ बनाने में आयोग की रणनीति कारगर नहीं हुई। आयोग की भर्ती परीक्षा में यह पहला मामला है, जब पूरा पेपर ही लीक हो गया। इससे पहले आयोग की ओर से करवाई जा रही भर्ती परीक्षा में नकल और सवालों में गड़बड़ी के मामले लगातार आते रहे हैं।
वर्ष 2020 में हुई वन दारोगा की भर्ती में नकल की बात सामने आई थी। हरिद्वार के 13 केंद्रों में ब्लूटूथ के माध्यम से नकल करवाई गई। यही नहीं, आयोग की ओर से सितंबर 2021 में सहायक लेखाकार भर्ती परीक्षा कराई गई थी। छह पालियों में हुई परीक्षाओं में 400 सवाल ही गलत निकल गए। विरोध के बाद आयोग को परीक्षा ही रद करनी पड़ी। वहीं यूपीसीएल में कनिष्ठ अभियंता पदों पर भर्ती हुई थी, जिसमें नकल की बात सामने आई थी। जांच के बाद भर्ती रद की गई।
वर्ष 2017-18 में भी सामने आई थी गड़बड़ी
वर्ष 2017 व 2018 में हुई भर्ती परीक्षाओं में ओएमआर शीट में गड़बड़ी करने पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने दून की नगर कोतवाली और डालनवाला कोतवाली में उम्मीदवारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस की जांच केस दर्ज करने से आगे नहीं बढ़ पाई। ये परीक्षा टेक्निकल ग्रेड-दो और विभिन्न विभागों में स्नातक श्रेणी के पदों के लिए कराई गई थी।
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