UKSSSC Paper Leak: इन कैंडिडेट्स की कुंडली बांच रहा आयोग, निकाले जा रहे पिछले छह साल के रिकॉर्ड
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) पिछले पांच-छह सालों में हुई भर्ती परीक्षाओं में एक से अधिक आवेदन करने वालों की तलाश कर रहा है। आयोग ऐसे अभ्यर्थियों की सूची पुलिस को सौंपेगा ताकि गहन जांच हो सके। ऑनलाइन आवेदन की सत्यता की जांच एक बड़ी चुनौती बनी हुई है लेकिन आयोग सभी संदिग्धों पर कड़ी नजर रख रहा है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून । उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) पिछले पांच से छह साल के दौरान आनलाइन आवेदन पत्र में संदिग्ध जानकारियां भरने और एक से अधिक आवेदन पत्र भरने वाले अभ्यर्थियों की कुंडली बांच रहा है। आयोग इन अभ्यिर्थयों की सूची पुलिस को सौंपेगा, ताकि जिला स्तर पर गहन जांच-पड़ताल हो सके।
आयोग के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आयोग समूह-ग की आनलाइन भर्ती परीक्षाओं में एक से अधिक अलग-अलग पहचानों के साथ आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का पिछले पांच से छह सालों का रिकार्ड तैयार कर रहा है। इसमें वह संदिग्ध आरोपित भी है, जो पूर्व में पेपरलीक एवं नकल जैसे मामले में पकड़े गए थे और उनके आवेदन रद कर दिए गए थे।
ऐसे अभ्यर्थी पकड़े जाने पर परीक्षा से प्रतिबंधित (डिबार) कर दिए जाते हैं, लेकिन इनमें से कई अपनी मूल पहचान में हेराफेरी कर आयोग की आनलाइन भर्ती परीक्षा का फार्म भर दे रहे हैं। इन पर अंकुश लगाने के लिए आयोग पुराने आनलाइन रिकार्ड के अनुसार इनकी सूची तैयार कर जनपदों में पुलिस अधीक्षकों के साथ साझा करेंगे, ताकि इनकी पुलिस जांच पड़ताल करे और आने वाली परीक्षाओं में बैठने से ऐसे संदिग्धों को रोका जा सके।
आनलाइन आवेदन की सत्यता की जांच बनी चुनौती
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएसएसी) की सभी भर्ती परीक्षाओं के आवेदन फार्म आनलाइन भरे जाने से आयोग इनमें किए गए दावों की सत्यता की जांच के लिए फिलहाल सक्षम उपाय नहीं तलाश पाया है। संदिग्ध अभ्यर्थी एक से अधिक आवेदन अलग-अलग फोटो, पिता के नाम भी अलग-अलग प्रकार से लिखने के कारण पकड़ में आने से छूट जाते हैं।
आयोग के सचिव डा.शिव कुमार बरनवाल ने कहा कि आयोग के पास उन सभी अभ्यर्थियों का आनलाइन रिकार्ड है, जो पूर्व में आयोग की परीक्षा में शामिल हो चुके हैं। नये अभ्यर्थी का रिकार्ड आवेदन पत्र भरने के साथ ही आयोग को प्राप्त हो जाता है।
इसी रिकार्ड के आधार पर आयोग हर बार नई भर्ती परीक्षा के लिए प्राप्त होने वाले आनलाइन आवेदन से मिलान करता है। पूर्व में दी गई अभ्यर्थी की जानकारी यदि वर्तमान से मेल नहीं खाती है तो आयोग ऐसे आवेदन पत्रों को रोककर जांच पड़ताल करता है।
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