UKSSSC Paper Leak: समूह 'ग' की स्नातक परीक्षा रद्द, तीन माह के भीतर दोबारा होंगे एग्जाम
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव डा शिव कुमार बरनवाल ने कहा कि एकल पीठ ने परीक्षा रद्द करने की संस्तुति की हैं। जिसे अनुमोदित कर मुख्यमंत्री ने आयोग को भेजा हैं। आयोग की बैठक अध्यक्ष गणेश सिंह मर्तोलिया की अध्यक्षता में चल रही है। कुछ देर बात अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धामी। जागरण आर्काइव
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने राज्य में 21 सितंबर को हुई स्नातक स्तरीय समूह-ग की भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया है। आयोग की यह परीक्षा विभिन्न विभागों के 416 पदों के लिए हुई थी। इसमें 1.08 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए थे। भर्ती परीक्षा पर उठे सवालों की जांच के लिए गठित एकल सदस्यीय आयोग की संस्तुतियों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुमोदन के बाद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इस भर्ती परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया। अब यह परीक्षा तीन माह के भीतर दोबारा कराई जाएगी। यह भी स्पष्ट किया गया है कि फिर से होने वाली यह परीक्षा अन्य परीक्षाओं के कार्यक्रम पर कोई असर नहीं डालेगी।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की यह भर्ती परीक्षा उस समय सवालों के घेरे में आ गई थी, जब परीक्षा शुरू होने के कुछ समय बाद ही इसके कुछ प्रश्नपत्रों के स्क्रीन शाट इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुए। इस प्रकरण को पेपर लीक से जोड़ते हुए युवाओं ने आंदोलन शुरू कर दिया था। यद्यपि, सरकार के निर्देश पर पुलिस ने पहले ही आयोग की ओर से दर्ज रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए प्रश्नपत्र लीक करने के आरोपी खालिद, उसकी बहन साबिया व हिना और शिक्षिका सुमन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इनमें से खालिद व साबिया अभी जेल में हैं। सरकार ने प्रकरण की जांच एसआइटी को सौंपने के साथ ही इसकी निगरानी व सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय आयोग भी गठित किया।
मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून के परेड मैदान में आंदोलनरत युवाओंं के बीच जाकर मामले की सीबीआइ जांच की संस्तुति की घोषणा की थी। इस बीच एकल सदस्यीय आयोग ने इस प्रकरण पर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में छात्रों से संवाद किया और शनिवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री धामी को सौंपी। मुख्यमंत्री धामी ने रिपोर्ट की संस्तुतियों को अनुमोदन देते हुए इसे अधीनस्थ चयन सेवा आयोग को भेज दिया। शनिवार को ही आयोग के अध्यक्ष जीएस मार्तोलिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय ले लिया गया। आयोग के सचिव डा शिव कुमार बरनवाल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
भर्ती परीक्षा : कब क्या हुआ
- 21 सितंबर - सुबह 11 बजे, प्रदेश के 445 परीक्षा केंद्रों पर शुरू हुई।
- 21 सितंबर - दोपहर 12 बजे- इंटरनेट मीडिया में पेपर कुछ अंश प्रसारित होने का मामला सामने आया।
- 21 सितंबर - देहरादून पुलिस ने इस जांच के लिए एसआइटी का गठन किया।
- 22 सितंबर - मुख्य आरोपित खालिद की बहन साबिया गिरफ्तार।
- 23 सितंबर - मुख्य आरोपित खालिद मलिक की गिरफ्तारी।
- 24 सितंबर - मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने पुलिस अधीक्षक जया बलूनी के नेतृत्व में एसआइटी गठित की।
- 25 सितंबर -प्रकरण में आरोपित शिक्षिका सुमन, हरिद्वार केंद्र के सेक्टर मजिस्ट्रेट केएस तिवारी, एक दरोगा और एक सिपाही निलंबित।
- 27 सितंबर- सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायधीश यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग गठित किया।
- 29 सितंबर- मुख्यमंत्री ने परेड ग्राउंड जाकर धरने पर बैठे युवाओं के समक्ष की प्रकरण की सीबीआइ जांच की संस्तुति की घोषणा।
- 30 सितंबर- एकल सदस्यीय आयोग ने हरिद्वार जनपद का किया दौरा।
- 01 से 08 अक्टूबर - जांच आयोग ने टिहरी, हरिद्वार हल्द्वानी एवं देहरादून में किया जन संवाद।
- 11 अक्टूबर - एकल सदस्यीय आयोग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी जांच रिपोर्ट।
- 11 अक्टूबर- मुख्यमंत्री ने जांच आयोग की संस्तुतियों पर दिया अनुमोदन।
- 11 अक्टूबर- दोपहर दो बजे अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने परीक्षा निरस्त करने का जारी किया पत्र।
छात्रों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए स्नातक स्तरीय परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है। यह निर्णय जांच आयोग की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि राज्य में परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे।
- पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
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