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    UKSSSC Paper Leak: जांच हुई तेज, देर रात एसआईटी पहुंची खालिद के घर; तीन घंटे तक चली पूछताछ

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 12:09 PM (IST)

    उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक मामले में एसआईटी की जांच तेज़ हो गई है। एसआईटी प्रमुख जया बलूनी ने अपनी टीम के साथ आरोपी खालिद के घर पर देर रात छापा मारा और उसके परिवार से तीन घंटे से अधिक पूछताछ की। खालिद की बहन और पिता से अलग-अलग सवाल किए गए और घर की तलाशी ली गई जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ जब्त किए गए।

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    तीन घंटे से अधिक समय तक स्वजन से सख्त पूछताछ की। प्रतीकात्‍मक

    जासं, हरिद्वार । यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण की जांच कर रही एसआइटी शनिवार रात दोबारा खालिद के घर सुल्तानपुर पहुंची। टीम ने करीब ढाई घंटे तक खालिद के पिता और बहन से पूछताछ की। सूत्र बताते हैं कि एसआइटी ने खालिद के शैक्षिक दस्तावेज मांगे, मगर स्वजनों ने उपलब्ध नहीं कराए। तब टीम ने घर की तलाशी ली और कुछ अन्य दस्तावेज कब्जे में ले लिए।

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    इसके अलावा स्वजनों के मोबाइल फोन भी टीम ने चेक किए। एसआइटी प्रमुख जया बलूनी शनिवार को अपनी टीम के साथ खालिद के घर सुल्तानपुर पहुंची थी। लेकिन, खालिद की बहन व पिता घर से बाहर थे। बाकी सदस्यों से पूछताछ और पड़ताल करने के बाद टीम लौट गई थी। रात में टीम दोबारा आरोपित खालिद के घर पहुंचीं और तीन घंटे से अधिक समय तक खालिद की बहन और पिता से सवाल-जवाब किए गए।

    टीम ने घर की तलाशी लेकर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने कब्जे में लिए। जया बलूनी ने बताया कि खालिद की बहन की ओर से अभी तक मांगे गए शैक्षिक प्रमाणपत्र नहीं सौंपे गए हैं, इसलिए आगे भी पूछताछ जारी रहेगी। व्यवस्थापक पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई परीक्षा केंद्र से पेपर आउट होने के मामले में सेक्टर मजिस्ट्रेट से लेकर दारोगा और सिपाही तक पर गाज गिर चुकी है।

    मगर परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक या अन्य किसी कार्मिक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यहां तक मुकदमे में किसी को नामजद तक नहीं किया गया है। इसको लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। स्कूल में परीक्षा होनी है, प्रबंधन को कई हफ्ते पहले से यह जानकारी थी। इसके बावजूद खालिद दो दिन पहले दीवार फांदकर अंदर घुसा और मोबाइल छिपाकर बाहर आ गया।

    वहीं, परीक्षा कक्ष में एक अकेली नीली कुर्सी खालिद को क्यों उपलब्ध कराई गई थी, इसको लेकर भी परीक्षा केंद्र की व्यवस्थाएं सवालों के घेरे में है। इसके बावजूद व्यवस्थापक को भी अघोषित रूप से क्लीन चिट देना किसी के गले नहीं उतर रहा है। चर्चाएं इसलिए भी हैं कि स्कूल प्रबंधक भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी हैं और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश निशंक के करीबी बताए जाते हैं।