UKSSSC Paper Leak Case: न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी ने किया केंद्र का निरीक्षण, SIT संग की बैठक
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) पेपर लीक मामले की जांच कर रहे न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी ने देहरादून में एसआईटी के साथ बैठक की और जांच की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने हरिद्वार स्थित परीक्षा केंद्र का निरीक्षण भी किया। इस मामले में पुलिस ने अब तक मुख्य आरोपित खालिद मलिक और उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार किया है और कई अधिकारियों को निलंबित किया गया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय पेपर लीक प्रकरण की जांच के लिए गठित आयोग के एकल सदस्य सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी मंगलवार को देहरादून पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने बीजापुर गेस्ट में पहले विशेष जांच दल के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने पूरे प्रकरण के साथ-साथ जांच की प्रगति के बारे में पूछा। इसके बाद अकेले ही हरिद्वार के बहादुरपुर जट स्थित आदर्श बाल सदन इंटर कालेज पहुंचे और परीक्षा केंद्र की जांच की।
मंगलवार को न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी करीब 11 बजे बीजापुर गेस्ट पहुंचे। यहां पर उन्होंने एसआइटी में शामिल पुलिस अधीक्षक ऋषिकेश जया बलूनी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ करीब डेढ़ घंटे बैठक की। इस दौरान उन्होंने एसआइटी से केस के बारे में केस की प्रगति के बारे में पूछा।
इसके बाद करीब साढ़े 12 बजे हरिद्वार स्थित परीक्षा केंद्र में पहुंचे। हालांकि परीक्षा केंद्र में पहुंचने के बारे में उन्होंने किसी को जानकारी नहीं दी। स्कूल के स्टाफ से पूछताछ के बाद वह चले गए।
21 सितंबर को आयोजित यूकेएसएसएसी के पेपर के तीन पर्चे परीक्षा केंद्र से आरोपित खालिद मलिक ने अपनी बहन साबिया को भेजे थे। साबिया ने यह पन्ने टिहरी में तैनात असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को भेजे, जिन्होंने 12 सवालों के जवाब खालिद मलिक को भेजे।
साथ ही उन्होंने यह पन्ने स्वाभिमान मोर्चे के अध्यक्ष बाबी पंवार को भी भेज दिए, जिसके बाद यह पर्चे इंटरनेट पर प्रसारित हो गए। इसके बाद बेरोजगार संगठन ने पर्चा लीक होने की सीबीआइ जांच की मांग उठाई।
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इस मामले में अब तक पुलिस मुख्य आरोपित खालिद मलिक व उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार कर चुकी है वहीं खालिद मलिक, उसकी बहन साबिया व हिना और असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन के विरुद्ध रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
इसके अलावा प्रकरण में अब तक असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन व सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी व दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने प्रकरण की जांच के लिए सीबीआइ जांच की संस्तुति भी की है।
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