Updated: Tue, 23 Sep 2025 07:00 AM (IST)
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की परीक्षा में पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी खालिद मलिक ने चार अलग-अलग पहचान से आवेदन किया था। उसने अलग-अलग नाम नंबर और फोटो का इस्तेमाल किया था। आयोग ने उसे आजीवन प्रतिबंधित कर दिया है। जाँच में पता चला कि उसने कई फ़ार्म भरे ताकि नकल की सेटिंग वाले केंद्र पर परीक्षा दे सके।
अशोक केडियाल, देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की रविवार को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र के तीन पन्ने इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के मामले में मुख्य आरोपित खालिद मलिक की करतूतें अब सामने आ रही हैं।
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जांच में खुलासा हुआ है कि खालिद ने आयोग की परीक्षा के लिए चार अलग-अलग पहचान के साथ आनलाइन आवेदन किए थे। इन चारों आवेदन पत्रों में पिता का नाम, मोबाइल नंबर और यहां तक कि फोटो भी अलग-अलग लगाए गए थे।
रविवार को पेपर लीक का मामला सामने आते ही आयोग ने आराेपित की पूरी पड़ताल शुरू की। जांच में पता चला कि खालिद ने आठ अलग-अलग मोबाइल नंबर दर्ज किए थे। आयोग को शक तब और गहरा हुआ।
जब आरोपित की बहन हिना ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि खालिद ने पहले ही घर में कहा था कि उसने कई फार्म इसलिए भरे हैं ताकि जिस परीक्षा केंद्र पर नकल की सेटिंग होगी, वहीं परीक्षा दे सके। आयोग की इस भर्ती परीक्षा में कुल 1,54,764 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, ऐसे में पहले चरण में हर फार्म की गहराई से जांच करना संभव नहीं था।
लेकिन जब परीक्षा के दौरान खालिद ने अपने पुराने परिचित सहायक प्रवक्ता सुमन को वाट्सएप पर प्रश्नपत्र के तीन पन्ने भेजे और उसके उत्तर बहन हिना के मोबाइल पर पहुंचाने की बात सामने आई, तब आयोग का खालिद पर शक गहराया।
इसके बाद आयोग ने खालिद के भरे गए सभी आवेदन पत्रों की जांच की। चौंकाने वाली बात यह रही कि सभी में अलग-अलग जानकारियां और फोटो चस्पा किए गए थे। आयोग की ओर से दिए गए मोबाइल नंबरों पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन अधिकांश नंबर किसी और के निकले या फिर बंद मिले। इससे आयोग का शक और मजबूत हो गया।
आखिरकार सोमवार को आयोग ने खालिद मलिक को आयोग की सभी प्रकार की परीक्षाओं से आजीवन प्रतिबंधित (ब्लैकलिस्ट) कर दिया।
‘खालिद मलिक ने चार अलग-अलग पहचान से परीक्षा फार्म आनलाइन भरे हैं, जिसमें पिता का नाम, मोबाइल नंबर और फोटो में विभिन्नता है। इससे शक है कि आरोपी पहले से ही परीक्षा में फ्राड करने की तैयारी कर रहा था।’
डा. एसके बरनवाल, सचिव, यूकेएसएसएससी
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