Uttarakhand News: यूसीसी नियमों में बदलाव, लागू होने के बाद नाबालिग साथी से विवाह का नहीं होगा पंजीकरण
उत्तराखंड सरकार समान नागरिक संहिता में संशोधन करने जा रही है। मार्च 2010 के बाद हुए विवाहों में यदि एक साथी नाबालिग था और अब दोनों 22 वर्ष के हैं तो विवाह का पंजीकरण होगा। यह छूट केवल संहिता लागू होने से पहले के विवाहों पर ही लागू होगी। गृह विभाग नियमावली में संशोधन करेगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर चर्चा हुई।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में शासन अब एक नया बदलाव करने जा रहा है। इसके तहत मार्च 2010 के बाद यदि किसी जोड़े में से कोई साथी नाबालिग था और अब 22 वर्ष का हो चुका है और उनका जीवन शांतिपूर्ण चल रहा तो उनके विवाह का पंजीकरण किया जाएगा।
यद्यपि, किसी नए विवाह पर इस तरह की छूट नहीं मिलेगी। यह छूट केवल समान नागरिक संहिता लागू होने से पहले हुए विवाह पर ही दी जा रही है। इसके लिए गृह विभाग नियमावली में संशोधन करने की तैयारी कर रहा है।
प्रदेश सरकार ने 27 जनवरी, 2025 से समान नागरिक संहिता लागू कर चुकी है। इसके लिए एक विस्तृत नियमावली बनाई गई है। इसके अनुसार प्रदेश में 27 मार्च, 2010 के बाद हुए सभी विवाह को अनिवार्य रूप से पंजीकृत किया जाना है।
नियमावली में एक व्यवस्था यह है कि विवाह के समय जोड़े में से किसी एक साथी के नाबालिग होने पर विवाह पंजीकरण नहीं किया जाएगा। समान नागरिक संहिता लागू होने से पहले ऐसे कई जोड़े सामने आए, जिनमें एक साथी नाबालिग रहा।
अब वे बालिग हो चुके हैं, लेकिन नियमावली में दी गई व्यवस्था के कारण उनके विवाह का पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। गत दिन मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस विषय पर भी चर्चा हुई।
अब गृह विभाग इस व्यवस्था को बदलने जा रहा है। इसके अनुसार 27 जनवरी, 2025 के बाद यदि ऐसे जोड़े के दोनों साथी 22 वर्ष से अधिक आयु के हो गए हैं तो उनका पंजीकरण किया जा सकेगा।
सचिव गृह शैलेश बगौली का कहना है कि इसमें छूट केवल उन्हें दी जा रही है, जिनका विवाह संहिता लागू होने से पहले हुआ है। इसके लिए नियमावली में संशोधन किया जा रहा है।
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