उत्तराखंड में जल्द लागू होगा यूसीसी कानून, लिव इन रिलेशनशिप के लिए भी नियम… क्या हैं इसके मुख्य मायने?
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की तैयारी अंतिम चरण में है। कानून और नियमावली बनाने के बाद अब कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू किया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित सीएससी एसपीवी को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। समान नागरिक संहिता लागू करने से संबंधित सभी विभागों के तकरीबन 1500 कार्मिकों को ब्लाक स्तर तक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने के लिए कसरत अंतिम चरण में पहुंच गई है। कानून और नियमावली बनाने के बाद अब कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू किया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित सीएससी एसपीवी (कामन सर्विस सेंटर स्पेशल पर्पज व्हीकल) को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
समान नागरिक संहिता लागू करने से संबंधित सभी विभागों के तकरीबन 1500 कार्मिकों को ब्लाक स्तर तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकार ने 20 जनवरी तक यह प्रशिक्षण पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 80 लाख रुपये की धनराशि भी स्वीकृत कर दी गई है।
वेब पोर्टल व मोबाइल एप तैयार
प्रदेश में सरल व पारदर्शी तरीके से समान नागरिक संहिता लागू हो, इसके लिए वेब पोर्टल व मोबाइल एप तैयार कर लिए गए हैं। अब इनका परीक्षण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसी माह राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की घोषणा कर चुके हैं।
उत्तराखंड में सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार समान नागरिक संहिता कानून बना चुकी है। इसे राष्ट्रपति भवन से स्वीकृति मिल चुकी है। इस कानून के प्रविधानों को लागू करने के लिए नियमावली बनाई जा चुकी है।
कार्मिकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
अब कानून को धरातल पर उतारने के लिए कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए ब्लाक स्तर तक राजस्व, पुलिस, स्थानीय निकाय, कैंट बोर्ड व अभियोजन आदि संबंधित विभागों के कार्मिकों की सूची तैयार हो रही है।
सीएससी एसपीवी सभी अधिकारियों को समान नागरिक संहिता की प्रक्रियाओं को समझने और इन्हें लागू करने का प्रशिक्षण प्रदान करेगी। अधिकारियों और नागरिकों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए तीन विभाग सहायता केंद्र स्थापित करेंगे।
इनफारमेशन टेक्नालाजी डेवलपमेंट एजेंसी (आइटीडीए) तकनीकी सहयोग के लिए, सीएसएसी एसपीवी प्रशिक्षण के लिए और अभियोजन विभाग सभी हितधारकों को कानूनी सहायता प्रदान करने को इन केंद्रों का संचालन करेंगे।
प्रशिक्षण के लिए स्थान तय करने के निर्देश
शनिवार को सचिव गृह शैलेश बगोली ने अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती, स्थानीय आयुक्त व नोडल अधिकारी प्रशिक्षण अजय मिश्रा और निदेशक आइटीडीए नितिका खंडेलवाल के साथ ही सभी जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारी व उप जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर सभी को प्रशिक्षण के लिए स्थान तय करने के निर्देश दिए।
इसी माह समान नागरिक संहिता कानून लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए कसरत पूरी हो गई है। इसे लागू करने के साथ ही उत्तराखंड, स्वतंत्रता के बाद यह कानून बनाकर इसे लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।
-पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री उत्तराखंड
समान नागरिक संहिता के मुख्य प्रावधान
- विवाह का पंजीकरण अनिवार्य
- पति-पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह पूरी तरह प्रतिबंधित
- सभी धर्मों में पति और पत्नी को तलाक लेने का समान अधिकार।
- सभी धर्म-समुदायों में सभी वर्गों के लिए बेटी-बेटी को संपत्ति में समान अधिकार।
- मुस्लिम समुदाय में प्रचलित हलाला और इद्दत की प्रथा पर रोक।
- संपत्ति में अधिकार के लिए जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं।
- लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य।
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