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Uttarakhand Rain: उत्‍तराखंड में आफत की बारिश, भूस्खलन से बदरीनाथ हाईवे बाधित; दो हजार यात्री हैं फंसे

Uttarakhand Rain उत्‍तराखंड में आफत की बारिश हो रही है। चमोली में पांडुकेश्वर से बदरीनाथ के बीच भूस्‍खलन से बदरीनाथ हाईवे पर दो हजार यात्री फंसे हुए हैं। वहीं रुद्रप्रयाग में सोनप्रयाग में 2855 यात्रियों को एक घंटे रोका गया था।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 09 Jul 2022 09:06 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jul 2022 09:06 PM (IST)
Uttarakhand Rain: उत्‍तराखंड में आफत की बारिश, भूस्खलन से बदरीनाथ हाईवे बाधित; दो हजार यात्री हैं फंसे
चमोली में पांडुकेश्वर से बदरीनाथ के बीच भूस्‍खलन से बदरीनाथ हाईवे पर दो हजार यात्री फंसे हुए हैं।

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर (चमोली): चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में भारी वर्षा यात्रा पर भारी पड़ रही है। शनिवार को पांडुकेश्वर से बदरीनाथ के बीच वर्षा के कारण मलबा और बोल्डर गिरने से बदरीनाथ हाईवे पर जहां दो हजार से अधिक यात्री फंसे रहे, वहीं सोनप्रयाग में 2855 यात्रियों को रोका गया।

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जिला प्रशासन ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रहने को कहा है। फूलों की घाटी जाने वाले पैदल मार्ग के भूस्खलन से बंद होने के कारण पर्यटकों को घांघरिया में ही रोक दिया गया है।

पूरे उत्‍तराखंड में 70 से अधिक मार्ग हैं अवरुद्ध

पिथौरागढ़ के चथरीपानी में अतिवृष्टि से मोटर पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। चीन सीमा तक जाने वाला लिपुलेख समेत अन्य दो मार्ग मलबा आने से बंद हो गए हैं। धारचूला में घास लेने गई एक महिला की पहाड़ी से पत्थर गिरने से मौत हो गई। पूरे राज्य में 70 से अधिक मार्ग मलबा आने से अवरुद्ध हैं।

भारी वर्षा से बदरीनाथ हाईवे कई जगह बाधित

शुक्रवार की रात्रि को भारी वर्षा से बदरीनाथ हाईवे पांडुकेश्वर से बदरीनाथ के बीच बेनाकुली, कंचनगंगा, रडांगबैंड, लामबगड़ खचड़ानाला में भूस्खलन से बंद हो गया। बीआरओ ने शनिवार शाम को कंचनगंगा व रडांगबैंड़ में हाईवे खोल भी दिया, परंतु लामबगड़ खचड़ानाला व रडांगबैंड में दोबारा भारी मलबा आ गया, जिससे वाहनों की आवाजाही नहीं हो पाई।

पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों से हाईवे खोलने में परेशानी

रुक-रुककर हो रही वर्षा और पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों के कारण हाईवे खोलने में परेशानी हो रही है। बदरीनाथ धाम में 80 से अधिक बड़े-छोटे यात्री वाहन हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। धाम में 700 से अधिक यात्री मौजूद हैं, जबकि बदरीनाथ जाने वाले यात्रियों की संख्या 1300 से अधिक है।

हाईवे खुलने तक यात्रियों को रुकने को कहा

यात्री पांडुकेश्वर, गोविंदघाट, जोशीमठ, चमोली, पीपलकोटी सहित विभिन्न पड़ावों में रुककर हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने बताया कि यात्रियों को हाईवे खुलने तक बदरीनाथ धाम में होटल, धर्मशालाओं में ही रुकने को कहा गया है।

केदारनाथ पैदल मार्ग पर पत्थर गिरने से एक घंटे तक आवाजाही रुकी

वहीं, केदारनाथ जाने वाले यात्रियों के मार्ग में भी वर्षा बाधा बन रही है। शनिवार को वर्षा के कारण गौरीकुंड पैदल मार्ग पर पत्थर गिरने से एक घंटे तक आवाजाही रुकी रही। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवाल ने बताया कि केदारनाथ यात्रा सुचारू चल रही है, हालांकि पैदल मार्ग पर पत्थर आने से कुछ देर आवाजाही बंद रही, लेकिन पत्थर हटने के बाद फिर से आवाजाही सुचारू हो गई।

नारायणबगड़: मोणाछीड़ा में राजमार्ग टूटने से 150 वाहन फंसे

शनिवार दोपहर दो बजे बाद अचानक तेज वर्षा के बीच नारायणबगड़ के समीप मोणाछीड़ा में कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहाड़ी से भारी चट्टान का एक हिस्सा टूटकर जा गिरा, जिससे राजमार्ग का 150 मीटर हिस्सा पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। इससे 150 से अधिक छोटे-बड़े वाहन फंसे गए। राजमार्ग खोलने के लिए बीआरओ की ओर से चट्टान को काटकर सड़क बनाने की कोशिश की जा रही है।

कुमाऊं में भी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

पिथौरागढ़ जिले शुक्रवार रात मुनस्यारी और सैणरांथी क्षेत्र में अतिवृष्टि से तबाही मची है। सैणरांथी से पंद्रह किमी दूर ऊंचाई पर स्थित चुथरापानी में बादल फटने से द्वालीगाड़ नाला ऊफान पर आ गया। नाले के वेग ने द्वालीगाड़ पुल को क्षतिग्रस्त कर दिया।

इससे थल-मुनस्यारी मार्ग पर बिर्थी से लेकर चीन सीमा तक संपर्क भंग हो गया। मुनस्यारी में आइटीबीपी कैंप के निकट से हरकोट जाने वाली सड़क पर दरार से भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।

बागेश्वर जिले में अतिवृष्टि से कांडा और काफलीगैर में दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए। अतिवृष्टि से सौंग, मुनार में तीन पैदल पुल, दो घराट और एक हैंडपंप भी बह गया है। भराड़ी-सौग मोटर मार्ग लगभग सौ मीटर तक गायब हो गया है। 15 हजार से अधिक आबादी का सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया है।

गरुड़ के लाहुरघाटी में बिजली और नैकाना खुमटिया में पेयजल योजना आपदा की भेंट चढ़ गई है। पर्वतीय हाइड्रोपावर कंपनी का मेन फीडर लाइन का पाइप फट गया। जिससे बिजली उत्पादन बंद हो गया है। बागेश्वर में सात, चम्पावत व नैनीताल में चार-चार, अल्मोड़ा में पांच ग्रामीण सड़कें मलबा आने से बंद हैं।

नैनीताल में बैंड स्टेंड के समीप पाथवे के झील में समाने का खतरा, चर्च की दीवार ढही

सरोवर नगरी में लोअर माल रोड के साथ ही झील के चारों ओर खतरा बढ़ रहा है। माल रोड से लेकर झील के आसपास रैलिंग जगह-जगह टूटी हैं। अब मल्लीताल बैंड स्टेंड के समीप पाथवे तथा रैलिंग में पड़ी दरार लगातार चौड़ी हो रही है।

इस स्थान पर तेज बारिश में कभी भी भूस्खलन पाथवे को तोड़ते हुए झील में समा सकता है। नगरपालिका व सिंचाई विभाग ने बेरीकेडिंग लगाकर आवाजाही रोकी है शहर की अपर माल रोड में एतिहासिक सेंट फ्रांसिस चर्च की सुरक्षा दीवार का हिस्सा ध्वस्त हो गया। जिससे पूरी दीवार के साथ ही चर्च को भी खतरा पैदा हो गया है।


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