Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्‍तराखंड में बढ़ेगा साहित्यिक पर्यटन, बनेंगे दो साहित्य ग्राम; मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया एलान

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 08:48 PM (IST)

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार साहित्यिक पर्यटन को प्रोत्साहित कर रही है और इसके लिए दो साहित्य ग्राम बनाए जाएंगे। उत्तराखंड भाषा संस्थान के सम्मान समारोह में उन्होंने साहित्यकारों को सम्मानित किया जिनकी रचनाएं समाज को नई दिशा दे रही हैं। वर्ष 2024 और 2025 के लिए कई विभूतियों को मरणोपरांत और जीवित रहते हुए सम्मानित किया गया।

    Hero Image
    साहित्यिक पर्यटन को विकसित करने के लिए बनेंगे दो साहित्य ग्राम. File

    जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड भाषा संस्थान की ओर से आयोजित उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार साहित्यिक पर्यटन को प्रोत्साहित कर रही है। इसी क्रम में सरकार दो साहित्य ग्राम बनाने जा रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रविवार को आइआरडीटी सभागार में आयोजित सम्मान समारोह एवं कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विशिष्ट अतिथि भाषा मंत्री सुबोध उनियाल ने शिरकत की। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कई चुनौतियों को स्वीकार कर आगे बढ़ने वाले साहित्यकारों को आज सम्मानित किया गया।

    उनकी रचनाएं समाज को नई दिशा दिखा रही हैं। सरकार साहित्य और संस्कृति के प्रोत्साहन को कार्य कर रही है। साहित्य गौरव सम्मान, साहित्य भूषण और लाइफ टाइम अचीवमेंट के साथ नवोदित लेखकों को भी सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार स्थानीय बोली के संरक्षण के लिए भी प्रयासरत है।

    इन्हें किया सम्मानित

    वर्ष 2024 व 2025 के लिए साहित्यकार शैलेश मटियानी, जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा, लोकगायक हीरा सिंह राणा व कवि शेर सिंह बिष्ट को मरणोपरांत, जबकि जनकवि अतुल शर्मा, साहित्यकार सोमवारी लाल उनियाल प्रदीप को सम्मानित किया।

    साहित्यकार शैलेश मटियानी का पुरस्कार उनकी पत्नी नीला मटियानी व पुत्र राकेश मटियानी, जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा के स्वजन पत्नी हेमलता तिवारी व पुत्र तुहिन तिवारी, कवि शेर सिंह बिष्ट का गौरा देवी व आनंद और लोकगायक हीरा सिंह राणा का सम्मान विमला देवी ने लिया।

    चयनित साहित्यकारों को सम्मान के तौर पर पांच लाख रुपये, सम्मान पत्र व अंगवस्त्र प्रदान किए। इस दौरान उन्होंने सभी पुरस्कार पाने वाले बुजुर्गों का आशीर्वाद भी लिया।