उत्तराखंड के दो लाख स्कूली बच्चों पर बड़ी जिम्मेदारी, अवेयरनेस के लिए छह आडियो-वीडियो गीत तैयार
उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए शिक्षा विभाग ने दो लाख से अधिक छात्रों को सड़क सुरक्षा प्रहरी बनाने का निर्णय लिया है। एससीईआरटी द्वारा सड़क सुरक्षा नियमों पर आधारित छह ऑडियो और वीडियो गीत तैयार किए गए हैं, जो स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर प्रसारित किए जाएंगे। छात्र यातायात नियंत्रण में भी सहयोग करेंगे।

शिक्षा विभाग ने पुलिस व परिवहन विभाग के सहयोग से तैयार की व्यापक रणनीति. Concept Photo
अशोक केडियाल, जागरण देहरादून। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में शिक्षा विभाग ने एक अहम पहल की है। इसके तहत प्रदेश के दो लाख से अधिक स्कूली छात्रों को सड़क सुरक्षा के युवा प्रहरी के रूप में तैयार किया जाएगा, जो न केवल स्वयं जागरूक रहेंगे, बल्कि समाज को भी सतर्क करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। शिक्षा विभाग इसके लिए पुलिस, परिवहन और अन्य संबद्ध विभागों के साथ मिलकर व्यापक रणनीति तैयार कर रहा है। सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ, एससीईआरटी के राज्य समन्वयक विनय थपलियाल ने बताया कि सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ में छात्रों को शामिल कर जागरूकता अभियान को नई दिशा मिलेगी। बच्चों की भागीदारी से न केवल उनके भीतर जिम्मेदारी का भाव पैदा होगा, बल्कि वे अपने परिवार और समाज पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेंगे।
संगीत और दृश्य माध्यम से जागरूकता का संदेश
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से सड़क सुरक्षा नियमों पर आधारित छह आडियो एवं वीडियो गीत तैयार किए गए हैं। इन गीतों को शहर के प्रमुख चौराहों, मल्टीप्लेक्स और सभी स्कूलों में प्रसारित किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सकें। विभाग का मानना है कि संगीत और दृश्य माध्यम बच्चों और आम जनता पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं, जिससे संदेश तेजी से फैलता है।
सभी इंटर कालेज के छात्र पढ़ेंगे सड़क सुरक्षा का पाठ
राज्य के 1385 राजकीय इंटर कालेजों में छात्रों को सड़क सुरक्षा से जुड़े पाठ पढ़ाए जाएंगे। पाठ्यक्रम में ऐसे विषय शामिल किए जा रहे हैं, जो छात्रों को ट्रैफिक नियमों, संकेतों, सुरक्षित चाल-ढाल और दुर्घटनाओं की रोकथाम से जुड़ी व्यावहारिक जानकारी देंगे। इसके अलावा जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से नुक्कड़ नाटकों, प्रश्नोत्तरी, चित्रकला प्रतियोगिता और प्रभातफेरी जैसे कार्यक्रम भी नियमित रूप से होंगे।
चाैक-चौराहों पर यातायात नियंत्रण में करेंगे सहयोग
विशेष बात यह है कि स्कूलों के समीप स्थित चौक-चौराहों पर चयनित स्कूली छात्र ट्रैफिक पुलिस की सहायता करते नजर आएंगे। ये छात्र ट्रैफिक कंट्रोल में सहयोग का अभ्यास करेंगे, लोगों को नियमों के पालन की सलाह देंगे और आवश्यकता पड़ने पर मार्गदर्शन भी करेंगे। इसके लिए छात्रों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, ताकि वे सुरक्षित और जिम्मेदारी के साथ अपनी भूमिका निभा सकें।
उम्मीद है कि छात्रों की इस सक्रिय भागीदारी से आने वाले वर्षों में दुर्घटनाओं की संख्या में उल्लेखनीय कमी आएगी और सड़क सुरक्षा एक जनआंदोलन का रूप ले सकेगी।- बंदना गर्ब्याल, निदेशक एससीईआरटी

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