जहरीली शराब कांड में दो प्रधान सिपाही और तीन सिपाही भी निलंबित
शराब कांड की गाज पांच और कार्मिकों पर गिरी है। आबकारी आयुक्त सुशील कुमार के निर्देश पर क्षेत्र के दो प्रधान सिपाही समेत तीन सिपाही को भी निलंबित कर दिया गया है।
देहरादून, जेएनएन। पथरिया पीर में शराब कांड की गाज पांच और कार्मिकों पर गिरी है। आबकारी आयुक्त सुशील कुमार के निर्देश पर क्षेत्र के प्रधान सिपाही बारू सिंह, दिनेश सिंह रावत समेत सिपाही मो. आफताब, किरण बिष्ट व ललिता नेगी को भी निलंबित कर दिया गया है। इस तरह क्षेत्र के सभी सात कार्मिकों को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई अपर आयुक्त पीएस गर्ब्याल व संयुक्त आयुक्त बीएस चौहान की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
पथरिया पीर में शराब पीने के बाद हुई छह लोगों की मौत और कई अन्य का स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद तत्काल प्रभाव से दो निरीक्षकों को निलंबित कर दिया गया था। इसके साथ ही आयुक्त के निर्देश पर अपर आयुक्त पीएस गर्ब्याल व संयुक्त आयुक्त बीएस चौहान ने प्रकरण की जांच शुरू कर दी थी। शुक्रवार देर रात को ही दोनों अधिकारियों ने पथरिया पीर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया और लोगों से पूछताछ की। शनिवार को भी जांच की कार्रवाई जारी रही।
इस दौरान अधिकारियों ने शराब पीकर बीमार पड़े करन से भी बात की। करन ने अधिकारियों को बताया कि क्षेत्र में अवैध शराब का धंधा लंबे समय से चल रहा है। उन्होंने जो देशी शराब पी थी, उसे शराब ठेके से नहीं खरीदा गया था, बल्कि क्षेत्र के ही एक व्यक्ति से खरीदा गया था। शराब को पीते ही उन्हें उल्टी होने लगी और ऐसा महसूस हो रहा था कि आंखों की रोशनी कम हो रही है। इसके बाद उन्हें कुछ भी होश नहीं रहा। अधिकारियों की कुछ अन्य लोगों से भी पूछताछ में यही बात सामने आई कि वहां अवैध शराब का धंधा चलता है।
यह भी पढ़ें: जहरीली शराब कांड: तो सरकारी दुकानों में भी बिक रहे हैं मौत के जाम
अपर आयुक्त व संयुक्त आयुक्त ने प्रारंभिक रिपोर्ट में यह आकलन किया कि शराब तस्कर देशी शराब खरीदकर लाते हैं और फिर खाली पड़ी बोतलों में उसे भरकर शराब के साथ कुछ अन्य केमिकल की मिलावट भी कर देते हैं। इससे शराब की मात्र बढ़ जाती है और साथ ही वह जहरीली भी हो जाती है। रिपोर्ट में इस घटना के पीछे क्षेत्रीय कार्मिकों की लापरवाही का भी उल्लेख किया गया है। आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद विस्तृत जांच भी की जा रही है और इसके बाद कुछ और कड़े निर्णय लिए जा सकते हैं।
यह भी पढ़ें: जहरीली शराब कांड: मौत के गुनाहगारों के कौन थे पनाहगार, पढ़िए पूरी खबर