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    Triple Murder in Dehradun: हत्‍यारे ने रात को आठ माह की बच्ची को खुद पिलाया दूध, नहीं पसीजा दिल; उतारा मौत के घाट

    Triple Murder in Dehradun कई घंटों तक चली पूछताछ के बाद आरोपित ने स्वीकार किया कि हत्या उसी ने की है। मूल रूप से नहटौर बिजनौर का रहने वाला हसीन बड़ोवाला स्थित टिंबर ली फैक्ट्री में काम करता था। हत्‍या की रात को जब आठ माह की बच्ची आयशा भूख से चिल्ला रही थी तो वह खुद दुकान में गया और दूध लेकर आया।

    By Soban singh Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 28 Jun 2024 07:49 AM (IST)
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    Triple Murder in Dehradun: आरोपित हसीन ने खुद को बचाने का पूरा प्रयास किया था

    सोबन सिंह गुसांई, देहरादून। Triple Murder in Dehradun: प्रेमिका व उसके बच्चों की हत्या करने वाले आरोपित हसीन ने खुद को बचाने का पूरा प्रयास किया था, लेकिन घटनास्थल पर मिले बस के टिकट और फैक्ट्री के बैग से संदेह की सुई उसकी तरफ घूमने लगी।

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    कई घंटों तक चली पूछताछ के बाद आरोपित ने स्वीकार किया कि हत्या उसी ने की है। हत्या करने के बाद आरोपित ने रेशमा के मोबाइल फोन से अपनी और रेशमा के बीच हुई पूरी चैट डिलीट कर दी थी। जांच में पता चला है कि 23 जून को दोनों ने करीब 300 मैसेज किए।

    टिंबर ली फैक्ट्री में काम करता था हसीन

    मूल रूप से नहटौर, बिजनौर का रहने वाला हसीन बड़ोवाला स्थित टिंबर ली फैक्ट्री में काम करता था। कुछ दिन पहले वह छुट्टी लेकर घर गया था। रेशमा भी नहटौर की रहने वाली थी, जिसका वर्ष 2018 में पति से तलाक हो गया था। कुछ समय बाद वह हसीन के संपर्क में आई और दोनों के बीच संबंध बन गए।

    23 जून को हसीन अपने भाई के साथ सुबह देहरादून पहुंचा। इसकी भनक जब रेशमा को लगी तो वह दोनों बेटियों को लेकर नहटौर से बस में बैठकर बिना बताए देहरादून पहुंच गई। रेशमा के अचानक देहरादून पहुंचने पर हसीन का पारा चढ़ गया और उसने उसे ठिकाने लगाने की योजना बनाई।

    रात करीब 10 बजे वह तीनों को लेकर फैक्ट्री पहुंचा, जहां उसने उन्हें ठहराया। रात को जब आठ माह की बच्ची आयशा भूख से चिल्ला रही थी तो वह खुद दुकान में गया और दूध लेकर आया।

    खुद अपने हाथों से बच्ची को दूध पिलाया

    रात को खुद उसने अपने हाथों से बच्ची को दूध पिलाया, जिसके बाद रेशमा की दोनों बेटियां आयत व आयशा सो गईं। थोड़ी देर बाद हसीन व रेशमा भी सो गए। आरोपित ने सोते हुए सबसे पहले रेशमा को मौत के घाट उतारा। इसके बाद आयत व आयशा की भी हत्या कर दी। रात 12 बजे उसने तीनों के शवों को ठिकाने लगाया और फैक्ट्री में ही सो गया। सुबह जल्दी उठकर वह अपने किराये के कमरे में चला गया।

    फैक्ट्री मालिक से कर्मचारियों के बारे में पूछताछ हुई तो ठनका माथा

    26 जून को रेशमा का शव मिलने के बाद पुलिस साक्ष्य मिलने पर फैक्ट्री पहुंची और मालिक से कर्मचारियों के बारे में पूछताछ की। घटनास्थल पर मिले नहटौर से देहरादून तक के बस टिकट से संदेह की सुई हसीन की तरफ घूमी, क्योंकि वह भी नहटौर का ही रहने वाला है।

    पुलिस ने हसीन से कई घंटे पूछताछ की, लेकिन वह पुलिस को घुमाता रहा। जब उससे सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने सबसे पहले मृतक रेशमा का नाम बताया। इसके बाद धीरे-धीरे पुलिस ने अन्य जानकारी जुटाई और मामले का पर्दाफाश किया। हत्या के बाद आरोपित ने रेशमा के मोबाइल फोन से सारे मैसेज डिलीट कर दिए और मोबाइल फोन व उसके घर की चाबियां अपने पास रख ली।