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अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में 1350 गंभीर बीमारियों का इलाज

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में 1350 प्रकार की बीमारियों का इलाज शामिल किया गया है। यानी कि हर तरह की बीमारी पर लोग योजना के तहत मुफ्त इलाज करा पाएंगे।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 12:45 PM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 08:08 PM (IST)
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में 1350 गंभीर बीमारियों का इलाज
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में 1350 गंभीर बीमारियों का इलाज

देहरादून, जेएनएन। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में 1350 प्रकार की बीमारियों का इलाज शामिल किया गया है। यानी कि हर तरह की बीमारी पर लोग योजना के तहत मुफ्त इलाज करा पाएंगे। 

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इस योजना का गत दिवस सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उद्घाटन किया था। योजना के तहत कुल बीमारियों के पैकेज की बात करें तो सर्वाधिक शल्य (सर्जरी) चिकित्सा के 253 पैकेज शामिल किए गए हैं। 

इसके अलावा योजना में दिल की बीमारी के कुल 130 पैकेज, नेत्र रोग के 42, नाक-कान-गला रोग के 94, हड्डी रोग के 114, मूत्र रोग के 161, महिला रोग के 73, शल्य रोग से संबंधित 253, बाल रोग के 156, मेडिकल रोग संबंधित 70, कैंसर रोग के 112 व अन्य 21 पैकेजों का चयन किया गया है। 

मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार जल्द बुजुर्गों व बच्चों को ओपीडी पर भी कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। इसमें 14 वर्ष तक की उम्र तक के बच्चे व 60 वर्ष से अधिक की आयु के लोगों को शामिल किया जाएगा। अभी अन्य रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने पर ही योजना का लाभ मिल सकेगा।  

26 जनवरी से शुरू होगी एयर एंबुलेंस

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घोषणा की कि 26 जनवरी से पूरी तरह समर्पित एयर एंबुलेंस की सेवा शुरू की जाएगी। अब तक गंभीर रोगियों के लिए हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराया जाता है, जो महज एक वैकल्पिक साधन है। 

पत्रकारों को सरकारी कर्मचारियों की भांति लाभ

योजना के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि प्रदेश के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को सरकारी कर्मचारियों की भांति योजना का लाभ दिया जाएगा। इसकी कार्रवाई 26 जनवरी से शुरू कर दी जाएगी।

योजना की प्रमुख विशेषताएं

- राज्य के सभी परिवारों को चिकित्सालय में भर्ती होने की दशा में योजना का लाभ मिलेगा।

- सरकारी अस्पताल में भर्ती होने पर यदि मरीज को चयनित निजी अस्पतालों में रेफर किया जाता है तो योजना का लाभ वहां भी मिलेगा।

- पात्र लाभार्थी परिवारों के सभी उम्र के सदस्य इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। 

- ऐसे परिवार जो योजना में चिह्नित नहीं हैं, वह अपना पंजीकरण मोबाइल एप के जरिये भी करा सकते हैं।

- उपचार के समय संबंधित के पास फोटो पहचान पत्र होना चाहिए।

गोल्डन कार्ड को उमड़ी भीड़, संभालना हुआ मुश्किल

मुफ्त इलाज की अटल आयुष्मान योजना के प्रति लोगों की बेसब्री इसके शुभारंभ के अवसर पर साफ नजर आई। मौके पर ही कार्ड बनाने के लिए इतनी भीड़ जुटी कि संभालना मुश्किल हो गया।

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए वैसे तो स्वास्थ्य विभाग ने ब्लॉकवार इंतजाम किए थे और कॉमन सर्विस सेंटरों (सीएससी) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस तरह दर्जनों स्टॉल लगाए गए थे। 

व्यवस्था बनाने के लिए एनसीसी कैडेट्स को भी लगाया गया था, मगर भीड़ इतनी अधिक थी कि सरकारी व्यवस्थाएं धरी रह गईं। लोगों की भारी भीड़ को देखते हुए सीएससी कर्मी व एनसीसी कैडेट्स ने लोगों को लाइन में लगकर दस्तावेज जमा कराने को कहा। कुछ लोगों ने लाइनें लगाई भी, मगर जगह सीमित होने के चलते लाइनों में भी घालमेल हो गया। 

इसे देखते हुए पहला एक घंटा व्यवस्था बनाने में ही लग गया। कई दफा तो लोगों की सीएससी कर्मियों व एनसीसी कैडेट्स के साथ नोक-झोंक भी हुई। इस दौरान लोगों ने आरोप भी लगाया कि उनके पास सभी दस्तावेज हैं, मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं की जा रही। हालांकि, भारी भीड़ के चलते पसरी अव्यवस्थाओं के बाद भी सैकड़ों लोगों के कार्ड बना दिए गए थे।

प्लीज लाइन में लगें

गोल्डन कार्ड बनाने के दौरान लोगों की भारी भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए एनसीसी कैडेट्स ने कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इसी दौरान सहसपुर ब्लॉक के स्टॉल पर एक एनसीसी कैडेट्स को स्टॉल के काउंटर पर चढ़कर हाथ जोड़कर लोगों को लाइन में लगने की मिन्नत करनी पड़ी।

इस तरह कराएं योजना में पंजीकरण

सरकार ने अटल आयुष्मान योजना में पंजीकरण के लिए कॉमन सर्विस सेंटर को भी अधिकृत किया है। आइए जानते हैं कि इन सेंटर के माध्यम से किस तरह योजना में पंजीकरण कराया जा सकता है।

- संबंधित परिवार के पास राशनकार्ड होना चाहिए और उसमें परिवार के सभी सदस्यों के नाम होने जरूरी हैं। इन नामों का मिलान पहले से ऑनलाइन मौजूद सूची से भी किया जाएगा।   

- इसके अलावा परिवार हर सदस्य का आधार कार्ड भी जरूरी है।

- पंजीकरण के लिए सभी सदस्यों का कॉमन सर्विस सेंटर में उपस्थित होना जरूरी है, ताकि अंगुलियों के निशान के जरिये सत्यापन किया जा सके।

एप के जरिए इस तरह कराएं पंजीकरण

एप में वोटर आइडी नंबर और नाम डालकर पता कराएं कि उसमें आपका नाम है, या नहीं। नाम न होने पर परिवार के सदस्यों के नाम भी जोड़े जा सकते हैं। हालांकि 2011 की जनगणना में आपका नाम होना जरूरी है। या फिर 2012 के राशन कार्ड या वोटर आइडी या मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का कार्ड होना जरूरी है।

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