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    हवाई सेवाओं से उत्‍तराखंड के पर्यटन स्थलों का सफर आसान, चारधाम यात्रा के लिए शुरू होगी चार्टर्ड हेली सर्विस

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 12:15 PM (IST)

    उत्तराखंड में हवाई सेवाओं के विकास से पर्यटन स्थलों की दूरी कम हो गई है। दिल्ली से पिथौरागढ़ का सफर अब कुछ घंटों में तय किया जा सकता है। केदारनाथ यात्रा में भी हेली सेवाओं का उपयोग बढ़ा है। राज्य सरकार पंतनगर और जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने का प्रयास कर रही है। भविष्य में चारधाम यात्रा के लिए चार्टर्ड हेली सर्विस शुरू करने की योजना है।

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    वैश्विक पर्यटन में उत्तराखंड को पहचान दे रही हेली व हवाई सेवाएं. Concept

    विकास गुसाईं, जागरण, देहरादून। अब दिल्ली से आने वाले पर्यटकों को सीमांत पिथौरागढ़ में आदि कैलास के दर्शन करने के लिए कई दिनों का लंबा और थकाऊ सफर नहीं करना पड़ता। अब वह दिल्ली से सीधा पिथौरागढ़ तक कुछ ही घंटों में पहुंच जाते हैं।

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    ऐसे में न केवल उनके समय की बचत हो रही है, बल्कि सीमांत पिथौारगढ़ को भी धीरे-धीरे वैश्विक पहचान मिल रही है। यह तो एक उदाहरण मात्र है। इस समय उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों, खूबसूरत पर्यटन स्थलों तक भी पहुंचना काफी आसान हो गया है। ऐसा संभव हुआ है प्रदेश में हेली व हवाई सेवाओं के विकास से।

    केंद्र सरकार ने क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत उत्तराखंड में हवाई सेवाओं की शुरुआत की और अब प्रदेश सरकार उत्तराखंड हवाई संपर्क येाजना के जरिये इसे गति प्रदान कर रही है। उत्तराखंड में अभी तक सड़क मार्ग ही आवागमन का प्रमुख साधन रहा है। वर्षाकाल या आपदा के समय सड़क मार्ग बंद होने पर आवागमन प्रभावित होता है।

    अब प्रदेश में हेली व हवाई सेवाएं शुरू होने के बाद पर्यटन ने न केवल गति पकड़ी है, बल्कि यहां के प्रमुख स्थलों को भी वैश्विक मानचित्र तक पहुंचाने में एक बड़ी मदद की है। हेली सेवाओं के बढ़ते उपयोग का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गत वर्ष 1.25 लाख यात्री हेली सेवा के जरिये केदारनाथ पहुंचे थे।

    इस वर्ष अब तक तकरीबन 56 हजार श्रद्धालु हेलीकाप्टर से केदारनाथ धाम में दर्शन को पहुंचे हैं। देखा जाए तो प्रदेश में केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से अलग-अलग योजनाओं के तहत हवाई सेवाओं का संचालन किया जा रहा है। बात करें उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना की तो इस योजना के तहत दिल्ली से पिथौरागढ़ के बीच सप्ताह में तीन दिन हवाई सेवाएं संचालित हो रही हैं।

    साथ ही पांच स्थानों के लिए हेली सेवाएं चल रही हैं। इनमें देहरादून से मसूरी, सहस्रधारा से गौचर, सहस्रधारा से जोशियाड़ा, सहस्रधारा से पौड़ी व सहस्रधारा से श्रीनगर के बीच हेली सेवाएं दी जा रही है। केंद्र सरकार के सहयोग से चल रही क्षेत्रीय संपर्क येाजना के तहत देहरादून से पिथौरागढ़ व पिथौरागढ़ से पंतनगर के बीच हवाई सेवाएं संचालित हैं।

    वहीं, इसी योजना के तहत सात स्थानों के बीच हेली सेवाएं चल रही हैं। इनमें हल्द्वानी से मुनस्यारी, हल्द्वानी से चंपावत, हल्द्वानी से पिथौरागढ़, पिथौरागढ़ से अल्मोड़ा, देहरादून से नैनीताल, देहरादून से बागेश्वर व हल्द्वानी से बागेश्वर के बीच संचालित हेली सेवाएं शामिल हैं।

    अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने पर जोर

    प्रदेश में निवेशक सम्मेलन के दौरान देश-विदेश से आए निवेशकों ने उत्तराखंड से सीधे संपर्क मार्ग की बात उठाई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने राज्य के दो बड़े एयरपोर्ट पंतनगर और देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र में दस्तक दी है। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के मानकों के अनुसार इनका दायरा बढ़ाया जा रहा है।

    राज्य में हैं 130 से अधिक हेलीपैड

    हेली सेवाओं के लिए राज्य में 100 से अधिक हेलीपैड हैं। दरअसल, हर जिले के विभिन्न स्थानों को सरकार ने हलीपैड के रूप में विकसित किया है। इनमें सरकारी स्थलों से लेकर स्कूलों के मैदान व खाली मैदान शामिल हैं। इन हेलीपैड में समय-समय पर होने वाले विभिन्न आयोजनों के दौरान हेलीकाप्टर उतारे जाते हैं।

    केदारनाथ धाम के लिए बढ़ेगी हेली सेवाएं

    प्रदेश सरकार के स्तर से भी हेली सेवाओं का संचालन किया जा रहा है। चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ के लिए हेली सेवाएं संचालित की जाती हैं। ये हेली सेवाएं सोनप्रयाग, सिरसी और फाटा के नौ हेलीपैड से संचालित की जाती हैं। अब यहां गरुड़ चट्टी में भी हेलीपैड प्रस्तावित किया जा रहा है। 

    भविष्य की योजनाएं 

    • चारों धाम के लिए चारधाम हेली चार्टर्ड सर्विस
    • देहरादून से जोशीमठ व जोशीमठ से बदरीनाथ के लिए शटल सेवा
    • पंतनगर में वायुयान व हेलीकाप्टर ट्रनिंग स्कूल की स्थापना
    • गौचर व चिन्यालीसौड़ में वायुयान सेवा