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    उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहा सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ, लेकिन हाईवे के पास नहीं ट्रामा सेंटर

    Updated: Fri, 06 Jun 2025 03:20 PM (IST)

    उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मौतों को देखते हुए राज्य सड़क सुरक्षा समिति ने स्वास्थ्य विभाग को हाईवे के किनारे ट्रामा सेंटर बनाने का आग्रह किया है। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार हाईवे पर ट्रामा सेंटर होने से दुर्घटना में घायल लोगों को स्वर्णिम समय में इलाज मिल सकेगा और उनकी जान बचाई जा सकेगी। वर्तमान में ट्रामा सेंटर जिला अस्पतालों में हैं जो हाईवे से दूर हैं।

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    उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। प्रतीकात्‍मक

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। साथ ही बढ़ रहा है इनमें होने वाली मौत का आंकड़ा भी। यह देखा गया है कि समय पर इलाज न मिलने से हर वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में घायल 30 से 40 पीड़ितों की मौत हो जाती है।

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    ऐसे में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से अपने यहां हाईवे पर हर 100 मीटर पर ट्रामा सेंटर बनाने के निर्देश दिए थे। उत्तराखंड में ट्रामा सेंटर तो बने, लेकिन जिला चिकित्सालयों में। इनमें से अधिकांश हाईवे से दूर हैं। इसे देखते हुए राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर हाईवे किनारे ट्रामा सेंटर विकसित करने पर जोर दिया है।

    सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों को समय से मदद मिले तो उनकी जान बचाई जा सकती है। इसके लिए एक शब्द इस्तेमाल किया गया है और वह है स्वर्णिम समय यानी गोल्डन आवर। विशेषज्ञ यह मानते हैं कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को यदि दुर्घटना के पहले घंटे में इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है।

    इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर गठित केंद्रीय सड़क सुरक्षा समिति ने सभी राज्यों को अपने यहां हाईवे पर ट्रामा सेंटर खोलने के निर्देश दिए थे। शुरुआती वर्षों में विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। जब सड़क सुरक्षा समिति सख्त हुई तो स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला चिकित्सालयों को ट्रामा सेंटर के रूप में चिह्नित कर दिया। इससे प्रदेश के हर जिले में एक ट्रामा सेंटर स्थापित हो गया। यद्यपि, इससे ट्रामा सेंटर स्थापित करने के पीछे जो मंशा थी वह पूरी नहीं हो पाई।

    अब राज्य सड़क सुरक्षा समिति ने इस ओर स्वास्थ्य विभाग का ध्यान आकृष्ट कराया है। समिति ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को पत्र भेज कर हाईवे पर ट्रामा सेंटर बनाने की अपेक्षा की है।