हार्इ कोर्ट का आदेश, उत्तराखंड के हर जिले में बनाए जाएं ट्रामा सेंटर
हार्इ कोर्ट ने आदेश दिया है कि उत्तराखंड के हर जिले में ट्रामा सेंटर खोले जाएं। इसके साथ ही मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल बनाने के आदेश पारित किए हैं।
नैनीताल, [जेएनएन]: हाई कोर्ट ने उत्तराखंड के सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में छह माह में चिकित्सकों की नियुक्ति व हर जिले में ट्रामा सेंटर की स्थापना करने को कहा है। साथ ही भवाली सेनिटोरियम को भारतीय चिकित्सा परिषद के मानकों के अनुसार मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल बनाने के आदेश पारित किए हैं।
कोर्ट ने राज्य सरकार को सेनिटोरियम में भर्ती मरीजों के लिए समुचित बजट का इंतजाम करने तथा वर्तमान सेनिटोरियम की बिल्डिंग की मरम्मत कराते हुए दो सप्ताह में मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं। चिकित्सकों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि वे 24 घंटे ड्यूटी पर उपलब्ध रहेंगे और ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रलय को पहाड़ी राज्यों की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए विशेष केंद्रीय सहायता प्रदान करने के आदेश भी पारित किए हैं।
नैनीताल के अधिवक्ता दीपक रुवाली ने नैनीताल के बीडी पांडे अस्पताल में चिकित्सकों व सुविधाओं की कमी को लेकर जनहित याचिका दायर की थी। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने जनहित याचिका में सुनवाई पूरी करते हुए 14 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे शुक्रवार को तमाम दिशा निर्देशों के साथ जारी कर दिया गया।
खंठपीठ ने अपने फैसले में बीडी पांडे महिला व पुरुष अस्पताल तथा रैमजे अस्पताल नैनीताल में चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति छह माह के भीतर करने तथा उपकरणों समेत सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश सरकार को दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि ट्रामा सेंटर में सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे ऑपरेशन रूम में डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती होनी चाहिए। दुष्कर्म पीड़ितों के लिए अलग रूम बनाएं। किसी भी दुर्घटना पीड़ित का उपचार बिना देरी किए व बिना एफआइआर तत्काल किया जाए।
यह भी पढ़ें: इस तरह से किया जा रहा है लोगों की जिंदगी से खिलवाड़
यह भी पढ़ें: दून अस्पताल में मरीजों की जाच पर भी आंच
यह भी पढ़ें: अब इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को दी जाएगी विशेष सुविधा