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अब इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को दी जाएगी विशेष सुविधा

उत्तराखंड सरकार का फोकस अब मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने पर है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने अब मिशन लक्ष्य पर फोकस किया है।

By Edited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 03:01 AM (IST)Updated: Thu, 19 Jul 2018 05:10 PM (IST)
अब इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को दी जाएगी विशेष सुविधा
अब इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को दी जाएगी विशेष सुविधा

देहरादून, [जेएनएन]: सरकारी अस्पताल में गर्भवती को अब मिशन 'लक्ष्य' के तहत विशेष सुविधाएं दी जाएंगी। अभी इस योजना में उत्तराखंड के पांच जनपदों के 10 चिकित्सालय चिह्नित किए गए हैं। जहा पर डिलिवरी व ओटी से संबंधित सुविधाओं का स्तर बढ़ाया जा रहा है। इसमें दो मेडिकल कॉलेज भी शामिल हैं। 

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से प्रसव के दौरान मातृ एवं शिशु देखभाल को बेहतर बनाने, प्रसव एवं ऑपरेशन थियेटर से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए संभागीय प्रशिक्षण केंद्र चंदरनगर में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। मिशन 'लक्ष्य' के तहत आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ मिशन निदेशक युगल किशोर पंत ने किया।

उन्होंने कहा कि अस्पतालों में प्रसव के दौरान गर्भवती महिला को अच्छी और बेहतर सुविधाएं देना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। पंत ने कहा कि सम्मानजनक मातृत्व देखभाल पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, तभी मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए हमें गुणवत्ता में सुधार लाना होगा। ताकि प्रसव के समय आने वाली महिला और उनके तीमारदार अस्पताल से जाते समय मुस्कराते हुए जाएं। 

एनएचएम निदेशक डॉ. अंजलि नौटियाल ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2013 में क्वालिटी एश्योरेंस कार्यक्रम प्रारंभ किया गया था। जबकि 11 दिसंबर 2017 को लक्ष्य कार्यक्रम की शुरुआत की गई। केंद्र सरकार ने अस्पतालों के लिए क्वालिटी के मानक तय किए हैं। जिनके आधार पर चिकित्सालयों का आकलन किया जाने लगा है। अच्छे अंकों के आधार पर चिकित्सालयों को पुरस्कृत भी किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कार्यशाला में विभिन्न तकनीकी पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अस्पतालों का आकलन करने की विधि के बारे में भी बताया। इस दौरान विभिन्न जनपदों के चिकित्सक, स्टाफ नर्स, क्वालिटी मैनेजर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय के अधिकारी उपस्थित थे। 

इसपर रहेगा फोकस 

-चिकित्सकों एवं नर्सिग स्टाफ द्वारा जच्चा-बच्चा के साथ किया जाने वाला व्यवहार। 

- गर्भवती महिला की प्रसव के दौरान प्राइवेसी। 

- तीमारदार को दी जाने वाली जानकारी। 

- प्रसव संबंधित सेवाओं के स्तर में सुधार। 

क्वालिटी स्टैंडर्ड में मेडिकल कॉलेज फिसड्डी 

मेडिकल कॉलेजों में क्वालिटी स्टैंडर्ड कम स्तर का होने पर मिशन निदेशक ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यहां सेवाएं सबसे अच्छी होनी चाहिए। क्योंकि राज्य के अन्य अस्पतालों से मरीज यहा पर रेफर होकर आते हैं। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि वह क्वालिटी प्रमाणीकरण में अव्वल रहने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं।

हरिद्वार महिला अस्पताल ने पूरे किए मानक 

लक्ष्य कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. अमित शुक्ल ने बताया कि हरिद्वार के महिला अस्पताल ने अधिकतम मानकों को पूरा किया है। यह अस्पताल जल्द लक्ष्य प्रमाणित हो जाएगा। अन्य अस्पतालों को भी 15 अगस्त तक लक्ष्य प्रमाणित होने के लिए कहा गया है।

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