उत्तराखंड में नए सिरे से डेंजर जोन व दुर्घटना संभावित स्थलों का सर्वे, आपदा के बाद परिवहन विभाग उठा रहा कदम
उत्तराखंड में आपदा के बाद परिवहन विभाग सक्रिय हो गया है। प्रदेश भर में क्षतिग्रस्त सड़कों का सर्वे किया जाएगा ताकि संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की जा सके। चारधाम यात्रा के दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार सड़कों को दुरुस्त करने के लिए तत्पर है और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को चिह्नित करने का काम जारी है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रदेश में इस वर्ष आई आपदा ने सड़कों को भी गहरे जख्म दिए हैं। प्रदेश के हर जिले में मार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त हुए हैं। यहां तक कि कई स्थानों पर तो सड़कें पूरी तरह बह गई हैं। इनको नए सिरे से बनाने में अभी समय लगेगा। अभी यहां आवागमन दुरुस्त करने के लिए फौरी इंतजाम किए जा रहे हैं।
ऐसे में यह मार्ग दुर्घटना के लिहाज से काफी संवेदनशील हो गए हैं। इसे देखते हुए परिवहन विभाग अब इनका विस्तृत सर्वे करने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत सड़कों को संवेदनशील व अतिसंवेदनशील श्रेणी में चिह्नित किया जाएगा। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि इनको सुरक्षित करने के लिए किस तरह के कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
प्रदेश में इस बार बरसात के कारण पर्वतीय व मैदानी दोनों की क्षेत्रों में खासा नुकसान हुआ है। कई जगह तो हालत यह बनें कि कई-कई दिनों तक सड़कें नहीं खुल पाई थी। अब चारधाम यात्रा का दूसरा चरण शुरू हो चुका है। यात्रा चल रही है लेकिन इसकी रफ्तार अभी गति नहीं पकड़ पाई है। वाहन चालक काफी सतर्कता के साथ वाहन संचालित कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार भी लगातार सड़कों की स्थिति को लेकर चिंता जताते हुए इनका सर्वे करते हुए इन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दे चुकी है। इस कड़ी में लोक निर्माण विभाग सड़कों को दुरुस्त करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। वहीं परिवहन विभाग भी अब सड़कों में नए डेंजर जोन व दुर्घटना संभावित स्थलों का सर्वे शुरू कर रहा है।
दरअसल, प्रदेश में अभी 174 ब्लैक स्पाट, दुर्घटना के लिहाज से 600 से अधिक अतिसंवेदनशील क्षेत्र और 2500 से अधिक संवेदनशील चिह्नित किए गए हैं। इनको ठीक करने का सिलसिला लगातार जारी है। अब मानसून के बाद सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं तो इनकी संख्या बढऩे की आशंका भी बढ़ गई है। ऐसे में अब इनकी सही संख्या का आंकलन किया जा रहा है। उद्देश्य यह कि इन स्थानों को चिह्नित करते हुए संबंधित विभागों को इनको दुरुस्त करने के लिए कहा जा सके।
अपर परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना है कि सड़कों में संवेदनशील और अति संवेदनशील दुर्घटना संभावित स्थलों के चिह्निीकरण के निर्देश दिए गए हैं। सभी संभाग व उप संभागों को जल्द से जल्द यह कार्य शुरू करने को कहा गया है।
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