Dehradun Disaster: शादी को तीन महीने भी नहीं हुए पूरे, जिंदगी में छा गया अंधेरा
देहरादून के मंसदावाला गांव में तमसा नदी में आई बाढ़ में पंकज नाम के एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। पंकज और उजाला की शादी हाल ही में हुई थी और वे अपने भविष्य के सपने देख रहे थे। भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में पंकज का घर भी बर्बाद हो गया जिससे उसकी पत्नी और मां बेसहारा हो गईं। स्थानीय लोग उन्हें हर संभव मदद पहुंचा रहे हैं।

सुमित थपलियाल, जागरण देहरादून। विलासपुर-कांडली के मंसदावाला गांव में बीते 16 सितंबर सुबह ऊफनाई तमसा नदी उजाला के पति प्रीतम की जिंदगी भी लील गई। दोनों का विवाह 25 जून को उत्तर प्रदेश के अमरोहा में हुआ था।
पंकज पत्नी उजाला को साथ लेकर आया कि मसंदावाला में कच्चे मकान से आगे बढ़कर अपने सपनों का एक घर बनाएंगे और बेहतर जिंदगी जिएंगे। इसी 25 को विवाह के तीसरे महीने मनाने की थी तैयारी की थी। लेकिन उजाला का सारा सपना अंधेरा में छा गया। सास जगवती का भी रो-रोकर बुरा हाल है।
मसंदावाला में भारी वर्षा के चलते नदी के तेज बहाव में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले पंकज, मोनू, प्रीतम, फुसिया बए गए थे। जिसमें से पंकज व मोनू के शव को बरामद कर लिया गया जबकि अन्य दो की तलाश जारी है। इधर, नदी के तेज बहाव के चलते मृतक पंकज के घर में भी मलबा आने से सारा सामान खराब हो गया।
इसके बाद पंकज की मां जगवती व पत्नी उजाला को क्षेत्रवासियों ने नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र में आश्रय दिया। वहीं, गुरुवार को पंकज के अंतिम संस्कार किया गया। मां जगवती का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं, पत्नी उजाला लगातार बेहोश हो रही है। बार बार पंकज नाम पुकार रही है। जब भी उसे होश आ रहा तो लोगों को पास में देखकर फिर बेहोश हो जा रही है।
वार्ड मेंबर प्रीति थापा, पूर्व ग्राम प्रधान लव कुमार तमांग और पूर्व उप प्रधान चंद्रमणि पेटवाल लगातार प्रभावितों से बातचीत कर उन्हें हर संभव मदद पहुंचा रहे हैं। वार्ड मेंबर प्रीति थापा ने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान जगवती को हुआ है। बेटा इस दुनिया में नहीं रहा और घर में भी पूरा मलबा घुस गया है। जिसे ग्रामीण मदद कर निकाल रहे हैं। इसके अलावा विष्णुमाया के घर में भी मलबा भरने से नुकसान पहुंचा है।
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