रक्षाबंधन पर देहरादून में चौतरफा जाम, किसी की ट्रेन छूटी तो किसी की फ्लाइट
देहरादून में रक्षाबंधन से पहले भयंकर जाम लग गया जिससे शहर की यातायात व्यवस्था चरमरा गई। हरिद्वार बाईपास पर आईएसबीटी से मोहकमपुर तक 10 किलोमीटर लंबा जाम लगा जिसमें लोग घंटों फंसे रहे। कई यात्रियों की ट्रेन और फ्लाइट छूट गईं जिससे उन्हें काफी परेशानी हुई। पुलिस की लापरवाही के कारण राजमार्गों पर यातायात प्रबंधन पूरी तरह से विफल रहा।

जागरण संवाददाता, देहरादून। शुक्रवार को दून शहर में किसी की ट्रेन छूटी तो किसी की फ्लाइट। यही नहीं, आनलाइन टिकट बुक करने वाले कई लोगों की बस तक छूट गई। यह सब हुआ शहर में लगे चौतरफा जाम के कारण। रक्षाबंधन से पूर्व यातायात प्रबंधन को लेकर पुलिस की कोई तैयारी न होने और लापरवाही की वजह से पूरा शहर जाम की भेंट चढ़ गया।
रक्षाबंधन पर बाजार में खरीदारी करने उमड़ी भीड़ और पर्व मनाने शहर में आने व यहां से जाने वाले लोगों के वाहन हर तरफ जाम में फंस गए। यूं तो शहर में सुबह से ही जाम जैसे हालात बने हुए थे, लेकिन दोपहर से स्थिति विकराल हो गई।
शहर के अंदरूनी मार्गों पर लगे जाम को नियंत्रित करने भले ही पुलिस बल अपनी सुस्ती तोड़कर सड़क पर उतर गया, लेकिन शहर से सटे राजमार्ग पूरी तरह पैक रहे। हरिद्वार बाईपास पर तो ऐसे हालात बन गए कि आइएसबीटी और कारगी चौक से रिस्पना पुल, जोगीवाला व मोहकमपुर तक करीब 10 किमी तक जाम लग गया। लोग तीन से चार घंटे तक जाम में फंसे रहे।
रक्षाबंधन पर बाजार में वाहनों का दबाव सुबह से बढ़ने लगा था, लेकिन पुलिस को इसकी सुध नहीं आई। शाम को जब स्थिति विकट हुई तो पुलिस शहर के चाक-चौराहों पर उतरी, लेकिन तब तक स्थिति खराब हो चुकी थी। हर सड़क वाहनों से पैक व जाम ही जाम चारों तरफ। पुलिस इसे सुलझाने में जुट गई और भूल गई कि राजमार्ग पर क्या स्थिति है।
पुलिस की इसी नादानी के चलते शहर के सभी राजमार्ग भारी यातायात जाम की चपेट में आ गए। हरिद्वार बाईपास और दून-पांवटा राजमार्ग से लेकर सहारनपुर रोड व मसूरी रोड पर यातायात का पहिया थम गया। हरिद्वार बाईपास पर स्थिति बेकाबू हो गई। चूंकि, यहां शहर की बड़ी आबादी के साथ ही राजमार्ग के यातायात का दबाव भी रहता है, इसलिए आइएसबीटी से मोहकमपुर तक जाम लग गया। जो लोग आइएसबीटी या कारगी चौक से रिस्पना पुल की ओर जा रहे थे, वे भी जाम में फंस गए और हरिद्वार और ऋषिकेश से दून की ओर आने वाले भी इसकी भेंट चढ़ गए।
हैरानी वाली बात तो यह है कि जाम की सूचना लोग पुलिस कंट्रोल रूम पर देते रहे और अधिकारियों के मोबाइल भी घनघनाते रहे, लेकिन पुलिस ने इस ओर फोकस नहीं किया। रात तक भी पुलिस के जवान जाम खुलवाने नहीं पहुंचे। जाम की स्थिति ऐसी रही कि मोहकमपुर से रिस्पना पुल तक पहुंचने में दो से ढाई घंटे, जबकि कारगी चौक से रिस्पना पुल पहुंचने में तीन घंटे का समय लगा, जबकि सामान्य दिनों में यह दूरी महज 10 मिनट में तय कर ली जाती है।
रिस्पना पुल पर जाम में फंसी नत्थनपुर निवासी एक महिला ने बताया कि वह अपने बेटे के साथ वंदे भारत ट्रेन से लखनऊ जा रही थी, जिसका समय दोपहर 2:25 बजे का है। वह घर से एक बजे निकल गए थे, लेकिन कैब जोगीवाला व रिस्पना पुल के बीच जाम में फंसी रही। वह तीन बजे तक जाम में फंसे रहे और ट्रेन छूट गई। वहीं, देहराखास निवासी योगेंद्र कुमार ने बताया कि उनकी दोपहर में बेंगलुरू की फ्लाइट थी, लेकिन वह हरिद्वार बाईपास पर जाम में फंसे रहे और फ्लाइट छूट गई।
स्थानीय नागरिकों ने भी झेली मुसीबत
जो व्यक्ति अन्य राज्यों से दून आ रहे थे या बाईपास रोड के माध्यम से अन्य क्षेत्रों में जा रहे थे, सिर्फ वही जाम में नहीं फंसे। जाम से हलकान रहने वालों में बड़ी संख्या स्थानीय नागरिकों की भी रही।
दरअसल, शहर की बड़ी आबादी बाईपास रोड से सटे बंजारावाला, मोथरोवाला, कारगी, सरस्वती विहार, बंगाली कोठी, टर्नर रोड आदि क्षेत्रों में रहती है। शहर के मुख्य हिस्सों के बीच आवागमन के लिए बाइपास बड़ा जरिया है। शुक्रवार को जिसने भी यहां से आवागमन किया, उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ी।
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