बेली ब्रिज पर एक तरफ से गुजर रहे वाहन, Mussoorie Highway पर लग रहा जाम
देहरादून में आपदा के कारण मसूरी राजमार्ग पर बेली ब्रिज के पास यातायात बाधित है । पुल की एप्रोच सड़क क्षतिग्रस्त होने से जाम लग रहा है क्योंकि एक समय में एक ही तरफ से वाहन गुजर सकते हैं। पर्यटकों की संख्या में कमी आई है और स्थानीय दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ है जिससे उनका व्यवसाय प्रभावित हुआ है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। अतिवृष्टि के कारण मसूरी राजमार्ग पर क्षतिग्रस्त हुए पुल के स्थान पर बने बेली ब्रिज पर वाहनों का आवागमन सुचारु नहीं हो पा रहा है, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
वर्तमान में पुल से एक बार में केवल एक दिशा के वाहन ही गुजर रहे हैं, जिससे दूसरी दिशा से आने वाले वाहनों को रुकना पड़ रहा है और जाम की समस्या हो रही है। पुल के दोनों तरफ की एप्रोच सड़कें क्षतिग्रस्त हैं और वहां मलबा पड़ा है। हालांकि, मलबे की सफाई और पुल के नट-बोल्ट कसने का कार्य जारी है। उम्मीद है कि जल्द ही पुल से दोनों तरफ से वाहनों का आवागमन सुचारु हो जाएगा।
सोमवार-मंगलवार की मध्य रात्रि को आई आपदा के कारण कुठालगेट के पास पुल क्षतिग्रस्त हो गया था और भारी मलबा जमा हो गया था। मलबे के कारण आसपास की खाने-पीने की दुकानों को भी नुकसान पहुंचा।
इसके बाद लोनिवि प्रांतीय खंड के अभियंताओं ने बेली ब्रिज का निर्माण किया और सेफ्टी आडिट के बाद बुधवार रात को आवागमन को सुचारु किया गया। बेली ब्रिज पर 20 टन तक के भार वहन की अनुमति दी गई है। प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अग्रिम आदेश तक वाहनों की आवाजाही शाम सात से सुबह छह बजे के बीच प्रतिबंधित कर दी है।
मसूरी में पर्यटकों की संख्या कम
मसूरी राजमार्ग पर वाहनों की संख्या में कमी आई है। देहरादून जिले में भारी आपदा के बाद, मसूरी राजमार्ग पर पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। शुक्रवार को आवश्यक सामग्री और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के वाहन अधिक देखे गए, जबकि पर्यटकों की संख्या कम रही।
वहीं, कुठालगेट पुल के आसपास खाने-पीने की दुकान चलाने वाले ग्रामीणों का व्यापार भी आपदा के मलबे के साथ बह गया। आपदा से उनकी दुकानों को काफी नुकसान पहुंचा है। साथ ही दुकानों में रखा सामान की भी हानि हुई है। हालांकि मायूसी के बावजूद वह अपने व्यापार को फिर से स्थापित करने में जुट गये हैं।
पर्यटन सीजन में रोजाना करीब पांच हजार रुपये की बिक्री हो जाती थी, जिससे घर का खर्च बढ़िया से चलता था। लेकिन अब एक हजार रुपये की बिक्री करना भी पहाड़ सा लग रहा है। वहीं, आपदा से दुकान को हजारों का नुकसान हुआ है। - हिमांशु काला, दुकानदार
आपदा की जद में आकर पूरा कारोबार चौपट हो गया है। चाचा की दुकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। पर्यटकों की संख्या घट गई है। जो जमा पूंजी रखी थी, उससे दुकान को दोबारा शुरू किया है। - जतिन राणा
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