Coronavirus: बिना अनुमति उत्तराखंड आ रहे प्रवासियों की ट्रेस हुई कॉन्टेक्ट हिस्ट्री
दूसरे प्रांतों से बिना अनुमति उत्तराखंड आ रहे प्रवासियों की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री तलाशने को पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था ने ग्रामीण क्षेत्रों में फोकस करने के लिए कहा है।
देहरादून, जेएनएन। दूसरे प्रांतों से बिना अनुमति उत्तराखंड आ रहे प्रवासियों की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री तलाशने के लिए पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था ने जिलों को ग्रामीण क्षेत्रों में फोकस करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में आने वाले ज्यादातर लोग ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाले हैं। ऐसे में पहले तो उन्हें सीमा पर ही रोककर उनके संपर्क आदि के बारे में जानकारी की जाए। अगर किसी तरह वह अपने गांव पहुंच गए हैं तो वहां उनके संपर्क में आए लोगों को होम क्वारंटाइन किया जाए।
हाल के दिनों में दर्जनों प्रवासी बिना पंजीकरण कराए या निजी वाहन से चोरी-छिपे उत्तराखंड आ गए। इसी तरह उत्तरकाशी पहुंचा एक युवक कोरोना संक्रमित निकला। इससे प्रदेश के पहाड़ी जिलों में कोरोना का खतरा बढ़ गया है। ऐसे लोग कितने लोगों के संपर्क में आए, पुलिस के लिए यह पता लगाना भी चुनौती साबित हो रहा है।
पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार का कहना है कि इसको लेकर पुलिस अब अलर्ट मोड में है। पुलिस को निर्देशित किया गया है कि वह अपने जिले में दाखिल होने वाले हर शख्स की डिटेल रखे। अगर कोई शख्स रेड या ऑरेंज जोन से आया है तो प्रशासन को इससे अवगत कराएं। इसके साथ ही उन्हें होम या इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में भेजें।
कॉन्टेक्ट हिस्ट्री जानने के बाद ही प्रवेश
पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार के मुताबिक, ऊधमसिंहनगर और उत्तरकाशी में मिले प्रवासियों की कांटेक्ट हिस्ट्री ट्रेस कर ली गई है। वह जिन लोगों के संपर्क में आए थे, उन्हें क्वारंटाइन में भेजा जा चुका है। इसके साथ ही राज्य की सीमाओं पर मिल रहे लोगों को अब स्वास्थ्य परीक्षण और उनकी ट्रेवल व कॉन्टेक्ट हिस्ट्री जानने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है।
डीएम ने लोगों की रवानगी की व्यवस्था परखी
जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव अचानक महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने दून से अन्य जिलों व राज्यों को भेजे जा रहे लोगों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
जिलाधिकारी ने पाया कि सभी व्यवस्थाएं निर्देशों के अनुरूप चल रही हैं, मगर तेज धूप को देखते हुए उन्होंने लगाए गए तंबुओं को नाकाफी बताया। उन्होंने निर्देश दिए कि स्थल पर कुछ अतिरिक्त तंबू जल्द लगा दिए जाएं। आशारोड़ी चेकपोस्ट पर तैनात टीम को भी रेंडम सैंपलिंग करते रहने के निर्देश दिए गए।
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उपजिलाधिकारी की जगह तहसीलदार को जिम्मेदारी
वाट्सएप पर पास जारी करने के लिए प्रशासन ने सभी एसडीएम के वाट्सएप नंबर जारी किए हैं। ऋषिकेश में एसडीएम की जगह तहसीलदार का नंबर दिया है। यह नंबर भी तहसीलदार रेखा आर्य का व्यक्तिगत है। रेखा आर्य पहले ही लॉकडाउन में तमाम व्यवस्थाओं को संभाल रही हैं। इस अतिरिक्त जिम्मेदारी से उनके समक्ष काम का प्रबंधन करने में मुश्किल खड़ी होने लगी हैं।
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