पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज बोले- फिल्म शूटिंग का हब बना उत्तराखंड, इस कारण फिल्म और कला-संस्कृति से जुड़ रहे कई लोग
कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि एसएटीटीई पर्यटन उद्योग के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े व्यक्तियों के लिए वन स्टाप प्लेटफार्म के रूप में कार्य करता है। उ विभिन्न पर्वत श्रृंखलाओं और पौराणिक गाथाओं की भूमि उत्तराखंड साहसिक गतिविधियों योग और अलौकिक सुंदरता के असंख्य विकल्प प्रदान करता है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि नैसर्गिक सुंदरता से परिपूर्ण उत्तराखंड फिल्म शूटिंग के लिए सबसे उपयुक्त हैं। पिछले कुछ वर्षों में यहां सैकड़ों फिल्मों की शूटिंग और निर्माता-निर्देशकों की पसंद बनने से उत्तराखंड अब फिल्म शूटिंग का हब बन गया है। महाराज ने बुधवार को ग्रेटर नोएडा में 20 मई तक चलने वाली साउथ एशिया टूर एंड ट्रैवल प्रदर्शनी (एसएटीटीई) के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही। उन्होंने प्रदर्शनी में उत्तराखंड पवेलियन का उद्घाटन भी किया। कार्यक्रम के दौरान अनेक फिल्म निर्माता-निर्देशकों ने उत्तराखंड में निवेश की इच्छा भी जताई।
कैबिनेट मंत्री महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि एसएटीटीई पर्यटन उद्योग के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े व्यक्तियों के लिए वन स्टाप प्लेटफार्म के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न पर्वत श्रृंखलाओं और पौराणिक गाथाओं की भूमि उत्तराखंड साहसिक गतिविधियों, योग और अलौकिक सुंदरता के असंख्य विकल्प प्रदान करता है। विश्व प्रसिद्ध चारधाम व हेमकुंड साहिब के अलावा उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है। यही कारण है कि फिल्म निर्माता-निर्देशकों के लिए उत्तराखंड पहली पसंद बन गया है।
महाराज ने कहा कि असंख्य व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने और संस्कृति, सामाजिक-राजनीतिक स्थिति व पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सिनेमा एक शक्तिशाली माध्यम है। इसे देखते हुए उत्तराखंड ने फिल्म निर्माताओं के लिए औपचारिक नीति बनाने के साथ ही दिशा-निर्देश जारी किए हैं। वर्ष 2018 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में उत्तराखंड को मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का अवार्ड मिल चुका है। इसी साल राज्य को बेस्ट फिल्म प्रमोशन फ्रेंडली अवार्ड मिला। वर्ष 2019 में भी मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट के पुरस्कार से राज्य को नवाजा गया था।
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उन्होंने बताया कि फिल्म निर्माता-निर्देशकों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है। परिणामस्वरूप कई लोग फिल्म और कला-संस्कृति से जुड़ रहे हैं। उत्तराखंड में फिल्मों की शूटिंग के लिए अनुकूल वातावरण बनाया गया है। इससे जहां रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं, वहीं देश-विदेश में राज्य की पहचान फिल्मों के जरिये हुई है। फिल्म नीति बनने के बाद वर्ष 2013 से अब तक छह सौ फिल्में व धारावाहिकों की शूटिंग यहां हो चुकी है। इस अवसर पर उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्विनी पुंडीर भी उपस्थित थे।
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