Updated: Wed, 20 Aug 2025 08:32 PM (IST)
उत्तराखंड में टनकपुर-बागेश्वर नई रेल लाइन का फील्ड सर्वेक्षण पूरा हो गया है जिसकी अनुमानित लागत 48692 करोड़ रुपये है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि राज्य में रेल अवसंरचना के लिए बजट आवंटन में 25 गुना वृद्धि हुई है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर सुरंग निर्माण का कार्य भी तेजी से चल रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 640 करोड़ रुपये मिल चुके हैं।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड में सड़क व रेल सेवाओं का जाल मजबूत होगा। टनकपुर-बागेश्वर नई रेललाइन (170 कि.मी.) के लिए फील्ड सर्वेक्षण पूरा हो गया है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार है। परियोजना की लागत 48,692 करोड़ आंकी गई है।
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केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोस. में नैनीताल के सांसद अजय भट्ट के प्रश्न का उत्तर देते हुए सदन को यह जानकारी दी। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि उत्तराखंड में रेल अवसंरचना के लिए बजट आवंटन लगभग 25 गुना बढ़ा है।
वर्ष 2009–14 में 187 करोड़ प्रतिवर्ष से बढ़कर 2025–26 में 4,641 करोड़ रुपये का बजट हो गया है। एक अप्रैल 2025 तक, राज्य में 216 किलोमीटर लंबाई की तीन नई रेल लाइनों को 40,384 करोड़ की लागत से स्वीकृत किया गया। रेल मंत्रालय के अनुसार देवबंद–रुड़की नई रेल लाइन परियोजना (27 किमी) पूरी हो गई है, ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल लाइन (125 किमी) में प्रस्तावित 16 मुख्य सुरंगों में 13 व 12 एस्केप सुरंगों में से 9 पूरी हो चुकी हैं।
अब तक 213 किमी की परिधि में से 199 किमी की टनलिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। उत्तराखंड में 11 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत पुनर्विकास के लिए चुना गया है, जिनमें देहरादून, हरिद्वार, हर्रावाला, काशीपुर, काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लाल कुआं, रामनगर, रुड़की, टनकपुर शामिल हैं।
गांवों में बिछेगा सड़कों का जाल
वहीं उत्तराखंड को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत केंद्रीय सहायता के रूप में 350.00 करोड़ की पहली किस्त मंजूर की गई। योजना के लिए केंद्रीय सहायता के अंतर्गत कुल 702.63 करोड़ मंजूर किए गए थे।
ताज़ा किस्त जारी होने के बाद उत्तराखंड को अब तक करीब 640 करोड़ रुपए मिल चुके हैं, जबकि 62.76 करोड़ रुपए अभी जारी हाेने शेष हैं। इस राशि से उत्तराखंड में ग्रामीण सड़कों का जाल मजबूत होगा, जिससे दूरदराज़ इलाकों के लोगों को स्कूल, अस्पताल और बाज़ार तक बेहतर पहुंच मिल सकेगी।
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