Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    10 साल बाद राजाजी में आकार लेगा टाइगर कंजर्वेशन प्लान, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को अनुमोदन के लिए भेजा

    Updated: Fri, 13 Jun 2025 08:52 PM (IST)

    राजाजी टाइगर रिजर्व में 10 साल बाद टाइगर कंजर्वेशन प्लान बनेगा जिसे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को भेजा गया है। 2015 में स्थापित इस रिजर्व में 60 ...और पढ़ें

    Hero Image
    वर्ष 2015 में अस्तित्व में आया था राजाजी टाइगर रिजर्व। जागरण

    राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। राजाजी टाइगर रिजर्व में 10 साल की प्रतीक्षा के बाद अब टाइगर कंजर्वेशन प्लान आकार लेगा। इसे तैयार कर स्वीकृति के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को भेज दिया गया है। वहां से हरी झंडी मिलते ही इसके अनुरूप पूरे रिजर्व में वैज्ञानिक ढंग से बाघ समेत दूसरे वन्यजीवों के प्रबंधन, वासस्थल विकास, सशक्त निगरानी तंत्र सहित अन्य कई कदम उठाए जाएंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की स्पष्ट गाइडलाइन है कि किसी भी क्षेत्र के टाइगर रिजर्व घोषित होने के बाद उसके लिए टाइगर कंजर्वेशन प्लान अनिवार्य रूप से तैयार किया जाएगा। इस दृष्टि से देखें तो उत्तराखंड में वर्ष 2015 में राजाजी नेशनल पार्क और उससे लगे कुछ क्षेत्रों को शामिल कर राजाजी टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आया। यह कार्बेट के बाद राज्य का दूसरा टाइगर रिजर्व है।

    टाइगर रिजर्व में वर्तमान में चीला, गौहरी, रवासन, श्यामपुर रेंजों में बाघों की संख्या 60 से अधिक है। इसके अलावा रिजर्व के धौलखंड व मोतीचूर क्षेत्र में बेहतर वासस्थल को देखते हुए वहां कार्बेट टाइगर रिजर्व से पांच बाघ शिफ्ट किए गए हैं, ताकि इनमें भी बाघों का कुनबा बढ़ सके।

    अलबत्ता, राजाजी टाइगर रिजर्व के टाइगर कंजर्वेशन प्लान को लेकर सुस्ती का ही आलम रहा। यद्यपि, कुछ समय पहले राजाजी टाइगर रिजर्व फाउंडेशन का गठन अवश्य हुआ, लेकिन टाइगर कंजर्वेशन प्लान का प्रारूप तैयार करने में 10 वर्ष का समय लग गया। हाल में यह प्लान राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को अनुमोदन के लिए भेजा गया है। इसका मुख्य उद्देश्य बाघों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ ही इनके संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाने पर ध्यान केंद्रित करना है।

    राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक एवं प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव आरके मिश्र ने उम्मीद जताई कि राजाजी के टाइगर कंजर्वेशन प्लान को जल्द ही राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से अनुमोदन प्राप्त हो जाएगा।

    उन्होंने बताया कि टाइगर कंजर्वेशन प्लान में रिजर्व के अंतर्गत बाघों समेत दूसरे वन्यजीवों के बेहतर प्रबंधन के लिए विशेष रूप से कदम उठाए जाएंगे। इसमें मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम, जंगल में पानी की पर्याप्त उपलब्धता, बेहतर निगरानी तंत्र, बाघ, हाथी समेत दूसरे वन्यजीवों की गणना सहित अन्य कई बिंदु समाहित हैं। सभी कार्य वैज्ञानिक ढंग से किए जाएंगे।