Tiger conservation में कॉर्बेट फिर सरताज, देश के सभी 50 टाइगर रिजर्व में यहां सबसे अधिक बाघ
Tiger conservation कॉर्बेट टाइगर रिजर्व बाघों की संख्या और घनत्व के लिहाज से देशभर के सभी 50 टाइगर रिजर्व में पहले स्थान पर बना हुआ है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। Tiger conservation बाघ संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व बाघों की संख्या और घनत्व के लिहाज से देशभर के सभी 50 टाइगर रिजर्व में पहले स्थान पर बना हुआ है। इसके साथ ही कॉर्बेट में बाघों के आहार में भी अच्छी-खासी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बाघ गणना की मंगलवार को जारी विस्तृत रिपोर्ट के मुताबिक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व परिक्षेत्र में 266 बाघ हैं। इनमें से 231 विशुद्ध रूप से इसी रिजर्व में रहते है, जबकि शेष 35 का केंद्र आसपास के इलाकों में है। बाघों का घनत्व भी यहां 100 वर्ग किलोमीटर पर 14 बाघ हैं।
विश्व बाघ दिवस (29 जुलाई) से ठीक एक दिन पहले मंगलवार को जारी बाघ गणना की विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट ने उत्तराखंड में चल रहे बाघ संरक्षण के प्रयासों की सफलता पर मुहर लगाई है। संख्या के लिहाज से 442 बाघों के साथ उत्तराखंड तीसरे स्थान पर है। मध्य प्रदेश पहले और कर्नाटक दूसरे स्थान पर है।
अलबत्ता, देशभर के टाइगर रिजर्व की रैंकिंग में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का पहला रुतबा लगातार बना हुआ है। रिपोर्ट बताती है कि कॉर्बेट में बाघों के आहार चीतल, सांभर, हिरन, बारहसिंघा समेत अन्य वन्यजीवों की संख्या में खासी वृद्धि हुई है। यानी, बाघों के लिए कार्बेट में बेहतर वासस्थल के साथ ही पर्याप्त मात्रा में आहार भी उपलब्ध है।
देश के टॉप टेन टाइगर रिजर्व
रिजर्व, बाघों की संख्या
कॉर्बेट, 231
नागरहोल, 127
बांदीपुर, 126
बांधवगढ़, 104
काजीरंगा, 104
मुदुमलाई, 103
कान्हा, 88
सुंदरबन, 88
तदोबा, 83
दुधवा, 82
राजाजी टाइगर रिजर्व में 38 बाघ
उत्तराखंड के दूसरे राजाजी टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र में बाघों की संख्या 52 है। स्टेटस रिपोर्ट क मुताबिक इनमें से 38 का केंद्र विशुद्ध रूप से रिजर्व में है। यानी वे यहीं रहते हैं। शेष 14 बाघों का केंद्र आसपास के क्षेत्र में है।
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प्रमुख पांच राज्यों में बाघ
राज्य, संख्या
मध्य प्रदेश, 526
कर्नाटक, 524
उत्तराखंड, 442
महाराष्ट्र, 312
तमिलनाडु, 264
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