सीएम की ओएसडी बता दिया नौकरी का झांसा, ठगे पांच लाख
मुख्यमंत्री का विशेष कार्याधिकार बताकर एक युवक से नौकरी के नाम पर पांच लाख रुपये की ठगी की गई।
रुड़की, जेएनएन। तीन साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री का विशेष कार्याधिकार (ओएसडी) बताकर एक युवक से नौकरी के नाम पर पांच लाख रुपये की ठगी की गई। महिला समेत तीन लोगों पर पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें से एक आरोपित को दूर संचार विभाग का कर्मचारी बताया गया है।
झबरेड़ा थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर साबतवाली गांव निवासी कीरत सिंह के बेटे को नौकरी की तलाश थी। जनवरी 2016 को कीरत सिंह के पास उसका परिचित जगपाल निवासी धीरमाजरा, थाना भगवानपुर मिलने आया। कीरत सिंह ने बातों-बातों में बेटे की नौकरी लगवाने की बात कही। इस पर जगपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री की ओरएसडी अरुणा कुमार निवासी एमडीडीएम कॉलोनी, डिफेंस कॉलोनी देहरादून उनके बेटे की सरकारी नौकरी लगवा सकती है। उसने कीरत की मुलाकात ओएसडी से करानी की बात कही। 24 जनवरी 2016 को जयपाल, उसका बेटा पपीन और खुद को तत्कालीन मुख्यमंत्री की ओएसडी बताने वाली महिला अरुणा कुमार उन्हें रुड़की मिलने पहुंचे।
कीरत का आरोप है कि इन लोगों ने उसके बेटे प्रीतम की नौकरी कर विभाग में लगवाने की बात कही और पांच लाख रुपये उससे ले लिए। रकम लेने के बाद भी उसकी बेटे की नौकरी नहीं लगी। पीड़ित कीरत सिंह ने इसकी शिकायत झबरेड़ा पुलिस और एसडीएम से भी की, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद पीडि़त ने एसीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की। कोर्ट ने रुड़की पुलिस को मामले में कार्रवाई के आदेश दिए। इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने जयपाल, इसके बेटे पपीन और अरुणा कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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