Uttarakhand Politics: भाजपा में थमने का नाम नहीं ले रहे असंतोष के सुर
Uttarakhand Politics उत्तराखंड में भाजपा में असंतोष के सुर थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ये असंतोष सार्वजानिक तौर पर उभर रहे हैं। अब पार्टी की मंडल इकाइयों के तीन पदाधिकारियों ने धर्मपुर क्षेत्र के विधायक विनोद चमोली के रवैये के विरोध में इस्तीफे दिए हैं।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Politics अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा एक तरफ विपक्ष में सेंधमारी कर मजबूती का दावा कर रही है तो दूसरी तरफ पार्टी के कुछ विधायकों और कार्यकर्त्ताओं के बीच से ही सार्वजनिक तौर पर उभर रहे असंतोष के सुरों ने उसकी पेशानी पर बल डाल दिए हैं। अब धर्मपुर क्षेत्र के विधायक विनोद चमोली के रवैये के विरोध में पार्टी की मंडल इकाइयों के तीन पदाधिकारियों ने इस्तीफे दिए हैं।
भाजपा के जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्त्ताओं की बयानबाजी और उनके बीच से उठ रहे असंतोष के सुर थमने का नाम नहीं ले रहे। बीती चार सितंबर को देहरादून के रायपुर विधानसभा क्षेत्र में सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत की मौजूदगी में क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा काऊ और पार्टी के कुछ कार्यकर्त्ताओं के बीच तू तू-मैं मैं हो गई थी। इसके अगले ही दिन रुड़की में कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद की मौजूदगी में ही शिलापट पर नाम को लेकर रुड़की के महापौर गौरव गोयल व विधायक देशराज कर्णवाल के समर्थकों के बीच नोकझोंक हुई। इससे पहले ऋषिकेश नगर निगम की महापौर, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष को अनुशासनहीनता के आरोप में भाजपा नोटिस भेज चुकी है।
कुछ समय पहले खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के मध्य छिड़ी जुबानी जंग सुर्खियों में रही थी। चैंपियन की एक विवादित टिप्पणी के बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित तक कर दिया गया था। हालांकि, करीब सालभर बाद ही उनकी फिर से पार्टी में वापसी हो गई। इसके अलावा विधायक पूरन सिंह फत्र्याल एक सड़क के मामले को लेकर मुखर रहे हैं, लेकिन यह मामला किसी तरह शांत कर लिया गया था। कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल और श्रम मंत्री डा हरक सिंह रावत के बीच छिड़ी रार अभी तक बरकरार है।
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