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    उत्‍तराखंड में हत्या के मामले में तीन को फांसी, दो को उम्रकैद; पत्‍नी ने सुपारी देकर करवाया था पति का कत्‍ल

    देहरादून में तीन साल पहले ई-रिक्शा चालक मोहसिन की हत्या के मामले में अदालत ने पांच आरोपियों को दोषी पाया। मृतक की पत्नी के प्रेमी ने दो लाख रुपये की सुपारी देकर बागपत से बदमाशों को बुलाकर हत्या करवाई थी। अदालत ने तीन आरोपियों को फांसी और दो को उम्रकैद की सजा सुनाई है जबकि मृतक की पत्नी को संदेह के आधार पर बरी कर दिया गया।

    By Soban singh Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 23 Aug 2025 03:12 PM (IST)
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    पत्नी शीबा को संदेह का लाभ प्रदान करते हुए बरी कर दिया गया। Concept Photo

    जागरण संवाददाता, देहरादून। तीन वर्ष पहले सिर कुचलकर की गई ई-रिक्शा चालक की हत्या के मामले में अदालत ने पांच आरोपितों को दोषी करार देकर तीन को फांसी और दो को उम्रकैद की सजा सुनाई है। ई-रिक्शा चालक की पत्नी और उसके प्रेमी ने दो लाख रुपये की सुपारी देकर हत्या करवाई थी। इसके लिए तीन बदमाश उत्तर प्रदेश के बागपत से बुलाए गए थे।

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    शासकीय अधिवक्ता अरविंद कपिल के अनुसार 30 नवंबर 2022 को गुच्चूपानी पिकनिक स्पाट की पार्किंग के निकट एक व्यक्ति का शव मिला था। मृतक की पहचान मोहसिन निवासी तेलपुर मेहूंवाला के रूप में हुई थी।

    पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज और काल डिटेल खंगाली तो पता चला कि 28 नवंबर को मोहसिन के मोबाइल पर एक संदिग्ध नंबर से पांच बार काल की गई थी। यह नंबर अरशद निवासी निरौजपुर, गुर्जर, बागपत (उत्तर प्रदेश) का निकला। पुलिस ने मोबाइल नंबर की लोकेशन के आधार पर उसे बल्लूपुर चौक से गिरफ्तार कर लिया।

    अरशद ने पूछताछ में बताया कि तेलपुर चौक मेहूंवाला निवासी साबिर अली ने मोहसिन की हत्या के लिए अपने दोस्त रईस खान के माध्यम दो लाख की सुपारी दी थी। इसमें शाहरुख निवासी ग्राम कंडेरा, रमाला, जिला बागपत और रवि कश्यप निवासी किशनपुर, बराला, रमाला, जिला बागपत उत्तर प्रदेश भी शामिल रहे।

    अरशद के अनुसार, साबिर अली के मोहसिन की पत्नी शीबा के साथ अवैध संबंध थे। इस मामले में पुलिस ने साबिर अली, मोहसिन की पत्नी शीबा उर्फ सीमा, शाहरुख, रवि अैर रईस खान को गिरफ्तार कर लिया। केस अतिरिक्त सेशन जज प्रथम महेश चंद्र कुशवाहा की अदालत में चला। अदालत ने अरशद, शाहरुख और रवि कश्यप को फांसी और हत्या का षड़यंत्र रचने के दोषी साबिर अली व उसके दोस्त रईस खान को उम्रकैद की सजा सुनाई।

    पांचों को 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा भी सुनाई गई। इस मामले में मृतक की पत्नी शीबा को संदेह का लाभ प्रदान करते हुए बरी कर दिया गया। अदालत ने साबीर अली और रईस खान को तीन माह के अंदर मृतक के बच्चों को एक लाख रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में देने के भी आदेश जारी किए हैं। अदालत ने इस केस को दुर्लभ में दुर्लभतम माना है, क्योंकि ई-रिक्शा चालक मोहसिन ने उन पर विश्वास किया था और दोषियों ने विश्वासघात करते हुए बेरहमी से उसे मौत के घाट उतार दिया।