एक दशक से लगातार बच्चों को यह व्यक्ति दे रहा है निश्शुल्क कोचिंग, जानिए
राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के डॉ. एसएस राणा पिछले एक दशक से लगातार बच्चों को निश्शुल्क कोचिंग दे रहे हैं। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं।
देहरादून, [सुकांत ममगाईं]: वर्तमान में जब शिक्षा महज व्यवसाय बनकर रह गई हो और सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को लेकर तमाम सवाल खड़े किए जा रहे हों, तब राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के एक शिक्षक अंधेरे में उम्मीद की किरण की तरह प्रतीत होते हैं। मूलरूप से पौड़ी के यमकेश्वर प्रखंड के नौगांव निवासी राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के डॉ. एसएस राणा पिछले एक दशक से लगातार बच्चों को निश्शुल्क कोचिंग दे रहे हैं। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं। उनका यह प्रयास अन्य शिक्षकों को भी प्रेरणा देने का काम कर रहा है।
देहरादून के ननूरखेड़ा में वर्ष 2003-04 में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय खुला। तब स्थानीय लोगों का कहना था कि सही मार्गदर्शन के अभाव में स्थानीय बच्चे एंट्रेंस नहीं निकाल पाएंगे, जिससे उन्हें यहां ऐडमीशन नहीं मिलेगा। विद्यालय के शिक्षक डॉ. एसएस राणा को भी यह बात सही लगी।
तभी उन्होंने ठान लिया कि वह स्थानीय बच्चों को भी इस काबिल बनाएंगे कि वह स्कूल की प्रवेश परीक्षा पास कर सकें। बच्चों को निश्शुल्क कोचिंग देने के लिए उन्होंने 20 दिसंबर से 20 जनवरी तक का समय चुना। इस दौरान स्कूल में सर्दियों की छुट्टियां रहती हैं। जब अन्य शिक्षक सर्दियों की छुट्टी का आनंद लेते हैं, तब डॉ. राणा आसपास के गरीब और अभावग्रस्त बच्चों को प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाते हैं।
बच्चों को कोचिंग में बुलाने के लिए वह आसपास के बाजार में निश्शुल्क पर्चे बांटने के अलावा स्कूल के बाहर नोटिस भी चिपकाते हैं। ताकि अधिक से अधिक बच्चे कोचिंग कक्षाओं में शामिल होकर लाभ उठा सकें। डॉ. एसएस राणा के अनुसार पिछले 10 वर्षों में 80 से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रवेश परीक्षा में सफल होकर उनको प्रोत्साहित करने का काम किया है। स्थानीय अभिभावक भी डॉ. राणा के इन प्रयासों की खुले मन से तारीफ
करते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।