राजधानी देहरादून में हादसों के 19 खतरनाक जोन, यहां नजर हटी तो दुर्घटना घटी
उत्तराखंड में सड़क हादसे अब रोजमर्रा की त्रासदी बन गए हैं। देहरादून में 19 दुर्घटना संभावित स्थल चिह्नित किए गए हैं, जहाँ खराब सड़कें, संकेतकों की कमी, अंधे मोड़, तेज गति और खराब रोशनी जैसे कारण हादसों को न्योता देते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग और ट्रैफिक पुलिस की रिपोर्ट में इन जगहों को चिह्नित किया गया है। सरकारी तंत्र आदेश जारी करने के बाद इन पर ध्यान नहीं देता, जिससे बार-बार हादसे होते हैं।
सोबन सिंह गुसांई, देहरादून। उत्तराखंड में सड़क हादसे अब महज संयोग नहीं बल्कि एक रोजमर्रा की त्रासदी बन चुके हैं। राजधानी में 19 दुर्घटना संभावित स्थल ऐसे हैं, जहां पर पलक झपकते ही हादसे का खतरा बढ़ जाता है।
इन स्थानों पर न सिर्फ सड़कें खराब हैं बल्कि संकेतकों की कमी, अंधे मोड़, ओवरस्पीड व खराब रोशनी जैसे कई कारण रोजाना हादसों को न्यौता दे रहे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग व ट्रैफिक पुलिस की संयुक्त रिपोर्ट में दून में ऐसे 19 जगहों को चिह्नित किया है, जिन्हें दुर्घटना संभावित स्थल के तौर पर दर्ज किया है।
इन 19 चिह्नित दुर्घटना संभावित स्थलों में अधिकतर राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्ग व शहर के आंतरिक सड़क हैं। यहां पर हादसे होने के बाद सरकारी तंत्र कुछ समय के लिए जागता है, लेकिन आदेश जारी होने के बाद इस तरफ ध्यान नहीं दिया जाता। नतीजन इन्हीं जगहों पर दोबारा हादसे हो जाते हैं।
आशारोडी चेकपोस्ट पर कुछ समय पूर्व जिलाधिकारी सविन बंसल ने हाईमास्ट लाइट लगाने के निर्देश जारी किए थे। ताकि बैरियर साफ दिख सके, लेकिन आदेश का अनुपालन नहीं हो पाया। एक बार फिर चार कीमती जानें चली गई।
शहर में दुर्घटना संभावित स्थल
- बीजापुर तिराहा से सर्किट हाउस तिराहा तक: वाहन तेज गति से चलते हैं, उचित लाइट की व्यवस्था नहीं है।
- अनारवाला तिराहा गुच्चूपानी तिराहा : घुमावदार सड़क है और लाइट की व्यवस्था नहीं है।
- गजियावाला -किमाडी हाथी पांव मार्ग : मार्ग कम चौड़ा होने के कारण हादसे का खतरा बना रहता है।
- साईं मंदिर : ढलान में वाहन तेजी से आते हैं, जिसके कारण कई बार हादसा हो जाता है।
- मालसी: मार्ग ढलान पर है और तेजी से वाहन आते हैं, जिसके कारण हादसा होने का खतरा बना रहता है।
- डीआईटी कालेज के पास : अत्याधिक ढलान होने के कारण हर समय हादसे का खतरा बना रहता है।
- एनआइईवीपी के सामने: हल्का मोड होने के चलते दोनों तरफ से वाहन तेजी से गुजरते हैं।
- मंकी बैंड धनोल्टी बाइपास रोड : तेजधार घुमाव वाली सड़क है, पूर्व में कई हादसे हो चुके हैं।
- पानी वाला बैंड नियर कोल्हूखेत : मार्ग संकरा व ढलान पर है, और नीचे गहरी खाई है।
- तेलपुर चौक : घुमावदार सड़क व आबादी वाला क्षेत्र है, कई बार पूर्व में हादसे हो चुके हैं।
- मेहूंवाला : लाइट की पूरी व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण आमने-सामने वाहन नहीं दिखते।
- बडोवाला चौक: मार्ग संकरा है, जिसके कारण वाहनों के आमने-सामने टक्कर का खतरा बना रहता है।
- शिमला बाइपास चौक : दोनों तरफ से अतिक्रमण है और लाइट की उचित व्यवस्था नहीं है।
- शास्त्रीनगर से कैलाश अस्पताल के सामने कट के मध्य: लाइट की उचित व्यवस्था नहीं है और मार्ग संकरा है।
- रिजेंटा होटल सुद्धोवाला के पास : वाहन तेज गति से गुजरते हैं, जिसके कारण हादसे का खतरा बना रहता है।
- आशारोड़ी चेकपोस्ट : लाइट की व्यवस्था नहीं है और ढलान के चलते वाहन तेजी से आते हैं।
- बल्लीवाला फ्लाईओवर : चौड़ाई कम होने के कारण थोड़ी सी लापरवाही होने पर दुर्घटना हो जाती है।
- रिंग रोड मोड: तीव्र मोड होने के कारण कई बार हादसे का खतरा बना रहता है।
- महाराण प्रताप चौक से थानो रोड: तेजधार घुमाव व आगे मार्ग संकरा है।
पिछले पांच माह के दौरान हुए हादसे
- दुर्घटना - 172
- मृतक- 70
- घायल- 126
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