अब सामने आएगी उत्तरकाशी जिले की असल तस्वीर, सर्वे रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में जुटा पलायन आयोग
छह विकासखंडों वाले उत्तरकाशी जिले में पलायन को लेकर सही तस्वीर अब सामने आएगी। उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग इन दिनों उत्तरकाशी की सामाजिक आर्थिक सर्वे रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में जुटा है। इसमें बात सामने आई कि अन्य जिलों की अपेक्षा यहां में पलायन कम है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: छह विकासखंडों वाले उत्तरकाशी जिले में पलायन को लेकर सही तस्वीर अब सामने आएगी। उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग इन दिनों उत्तरकाशी की सामाजिक, आर्थिक सर्वे रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में जुटा है। इसमें बात सामने आई कि अन्य जिलों की अपेक्षा यहां में पलायन कम है, लेकिन वर्ष 2001 और 2011 के बीच यहां आबादी बढ़ने की दर घटी है। यही नहीं, जिले की यमुना घाटी में बेहतर सुविधाएं होने के कारण आबादी बढ़ी है, जबकि गंगा घाटी में इसकी रफ्तार कम है। इसे देखते आयोग यह सुझाव देने जा रहा है कि विकास और आधारभूत सुविधाओं के लिहाज से गंगा घाटी पर खास ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।
वर्ष 2017 में भाजपा सरकार बनने पर राज्य में पलायन आयोग का गठन हुआ और 2018 में आयोग ने राज्य के गांवों से पलायन की स्थिति और इसके कारणों पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। इसके बाद से जिलेवार सामाजिक, आर्थिक सर्वे रिपोर्ट तैयार की जा रही हैं। इसी कड़ी में आयोग इन दिनों उत्तरकाशी जिले की सर्वे रिपोर्ट को तैयार करने में जुटा है। सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में बात सामने आई है कि उत्तरकाशी जिले में पिछले 10 वर्षों में 376 ग्राम पंचायतों से 19893 व्यक्तियों ने अस्थायी रूप से पलायन किया। अलबत्ता 111 गांवों से 2727 व्यक्तियों ने पूर्ण रूप से पलायन किया। जिले में गैर आबाद गांवों की संख्या 70 है। यही नहीं, जिले में वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार आबादी बढऩे की दर 23.07 फीसद थी, जो 2011 में घटकर 11.89 फीसद पर आ गई। जिले की गंगा घाटी के विकासखंडों भटवाड़ी, चिन्यालीसौड़ व डुंडा में आबादी बढऩे की दर सात से करीब 13 फीसद है, जबकि यमुना घाटी के नौगांव, पुरोला व मोरी विकासखंडों में करीब 14 फीसद से 19 फीसद के बीच।
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इसे देखते आयोग का सुझाव है कि गंगा घाटी पर खास फोकस करने की जरूरत है। इस क्षेत्र का भटवाड़ी ब्लाक चीन सीमा से सटा है। इसके अलावा इसी घाटी में गंगोत्री नेशनल पार्क भी है। कुल मिलाकर यह क्षेत्र सामरिक महत्व के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। आयोग का सुझाव है कि यहां पर्यटन और रोजगापरक गतिविधियों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
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ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डा.एसएस नेगी का कहना है कि उत्तरकाशी जिले की सर्वे रिपोर्ट लगभग तैयार है। जल्द ही इसे मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा। रिपोर्ट में आयोग की ओर से कई सुझाव भी दिए जा रहे हैं। विशेषकर गंगा घाटी के मामले में।
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