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जौलीग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण की जद में आने वाले हजारों पेड़ों को बचाने के लिए बनाई मानव श्रृंखला, बांधे रक्षा सूत्र

जौलीग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण में थानों वन रेंज के करीब 10 हजार पेड़ों को बचाने के लिए दृष्टिकोण समिति द्वारा दूसरे दिन भी जन आंदोलन चलाकर पेड़ों को बचाने का संकल्प लिया गया हिमालय पुत्र एएसके ग्रुप से जुड़े सदस्‍यों ने मानव श्रृंखला बनाई व पेड़ों को रक्षा सूत्र भी बांधे।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 03:48 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 09:26 PM (IST)
जौलीग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण की जद में आने वाले हजारों पेड़ों को बचाने के लिए बनाई मानव श्रृंखला, बांधे रक्षा सूत्र
हजारों पेड़ों को बचाने के लिए मानव श्रृंखला बनाने के साथ जन जागरूकता अभियान रैली निकालते युुवा।

देहरादून, जेएनएन। जौलीग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण में थानों वन रेंज के करीब 10 हजार  पेड़ों को बचाने के लिए दृष्टिकोण समिति द्वारा दूसरे दिन भी जन आंदोलन चलाकर पेड़ों को बचाने का संकल्प लिया गया हिमालय पुत्र, एएसके ग्रुप, मिट्टी फाउंडेशन, एचएसआइ, मेड फाउंडेशन, एफएफआइ संगठन व अन्य सामाजिक संगठनों से जुड़े सदस्‍यों ने पेड़ों को बचाने के लिए मानव श्रृंखला बनाने के साथ पेड़ों को रक्षा सूत्र भी बांधे। 

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इस दौरान दृष्टिकोण समिति के अध्यक्ष मोहित उनियाल, मैड संस्था के करण कपूर, पर्यावरण प्रेमी विनोद बगियाल ने कहा कि लगातार पेड़ों के कटने से उत्तराखंड की स्थिति दिल्ली-मुंबई जैसी हो जाएगी। इस को बचाने के लिए हमें मिलकर अभियान चलाना होगा। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण व जनप्रतिनिधियो ने पेड़ों को बचाने के लिए मानव श्रृंखला बनाए जाने के साथ जन जागरूकता अभियान में शामिल हुए। 

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सदस्‍यों ने कहा कि उत्‍तराखंड में पेड़ को बचाने के लिए प्रत्‍येक को जागरूक होने की जरूरत है। छोटे बडे समारोह के दौरान एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल का भी संकल्‍प लेना चाहिए। उत्‍तराखंड की सुंदरता पेड़ों से भी अधिक निखर जाती है। कहा कि जब भी पेड़ों के कटान की बात आती है तो सभी को मिलकर इसका विरोध करना चाहिए। एक छोटे से निर्माण के लिए कई बार हजारों की संख्‍या में पेड़ काट दिए जाते हैं, जिससे आने वाले समय में प्रत्‍येक व्‍यक्‍त‍ि के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। प्रदूषण रहित बनाने के लिए पेड़ों को बचाने और अधिकाधिक पौधे रोपने पर जोर दिए जाने की जरूरत है। 

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